आज वर्ष2020 की आखिरी पूर्णिमा है। पूर्णिमा का दिन बहुत पवित्र होता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन स्नान तथा दान की विशेष अहमियत होती है। इस तिथि को चन्द्रमा सम्पूर्ण होता है तथा सूर्य एवं चन्द्रमा समसप्तक होते हैं। इस तिथि पर जल तथा वातावरण में खास ऊर्जा आ जाती है। इस दिन स्नान,दान तथा ध्यान खास लाभकारी होता है। चन्द्रमा इस तिथि के स्वामी होते हैं, इसलिए इस दिन हर प्रकार की मानसिक परेशानियों से मुक्ति प्राप्त हो सकती है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा का खास महत्व:
पूर्णिमा तिथि पर चन्द्रमा पृथ्वी तथा जल तत्व को पूर्ण तौर पर प्रभावित करता है। इस दिन को दैवीयता का दिन माना जाता है। इसे माहों में सबसे पवित्र महीने का आखिरी दिन कहा जाता है। इस दिन ध्यान, दान तथा स्नान करना खास फलदायी होता है। इस दिन श्री हरि या शिव की पूजा जरूर करनी चाहिए। इस दिन चन्द्रमा को अमृत से सिंचित किया गया था, इसलिए इस दिन चन्द्रमा की आराधना भी करनी चाहिए।
इस बार की पूर्णिमा की विशेष बातें क्या हैं:
आज पूर्णिमा के दिन चंद्रमा मिथुन राशि में विद्यमान रहेगा। संपत्ति तथा सुरक्षा के कारक मंगल अच्छी अवस्था में रहेंगे। शुक्र मंगल की राशि तथा मंगल के असर में रहेंगे, जिसकी वजह से आकर्षण, प्रेम तथा आनंद की वर्षा होगी। इस पूर्णिमा को स्नान एवं दान करने से चन्द्रमा की पीड़ा से मुक्ति प्राप्त होगी। इसके असर से आर्थिक हालत भी अच्छी होते जाएंगे। सुबह स्नान के पहले संकल्प लें तथा जल में तुलसी के पत्ते डालें। पहले जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें फिर स्नान करना शुरू करें।
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