2018 का राजस्थानी सॉन्ग म्हारी छाछ के घमड़की देजा अल्फ़ा म्यूजिक एंड फिल्म्स की ओर से प्रस्तुत किया गया हैं. प्रकाश चंद गुर्जर ने इस गीत में अपनी आवाज दी हैं. वहीं इसके बोल बीरबल सिंह साईवाड द्वारा लिखे गए हैं. मारवाड़ी एल्बम गीत के निर्माता गोपाल सैनी व निर्देशक बाबूलाल सैनी हैं.
गीत में दिखाया गया है कि सुबह जल्दी उठकर कोयल मीठी बोली बोल रही हैं और गौरी अपना काम करती हुई छाछ बनाती हुई रही हैं. गौरी छाछ बनाते समय अपने पिया को याद कर रही हैं और उसकी याद में गौरी खोई-खोई हैं. गौरी का मन अब डगमग डोल रहा हैं और उसकी मन की इच्छा पूरी करने के लिए वह अपने पिया को बोल रही हैं. गौरी अपने से शर्मा रही हैं और उसे दो दिन ठहरने के लिए कह रही हैं.
Mhari Chaach Ke Ghamadki Deja Song Lyrics
हरी हरी मेडी लाल किवाड़ी
म्हारी छाछ के घमडी देजा रे
नीची नीची मैं तो छाछ बिलोउ
तू तो दही की सबड्की लेजा रे
म्हारा दही की सबड्की लेजा रे
उठ सवेरे कोयल बोले, घणी सवेरे कोयल बोले
जब म्हारो मनड़ो डगमग डोले
याद सतावे म्हाने मत तरसावे
म्हारा मन की पूरी करजा रे
म्हारी छाछ के घमडी देजा रे
हरी हरी मेडी लाल किवाड़ी
म्हारी छाछ के घमडी देजा रे
चाव लगयो मेरा दिलड़ा में
राजी होगी मैं मनड़ा में
घणी शर्माऊ थाने किया सी बताऊ
म्हारा बालम दोई दिन डट जा रे
म्हारी छाछ के घमडी देजा रे
हरी हरी मेडी लाल किवाड़ी
म्हारी छाछ के घमडी देजा रे
छाछ दही माखन को खानो
अल्फ़ा कैसेट्स को सुण गानो
बीरबल प्रकाश मीठा गीत सुनावे
थोड़ी नाच की रगड़ी देजा रे
म्हारी छाछ के घमडी देजा रे
हरी हरी मेडी लाल किवाड़ी
म्हारी छाछ के घमडी देजा रे.
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