कोविड-19 महामारी ने उन्हें बाहरी दुनिया से अलग कर दिया लेकिन छह बार की विश्व चैंपियन भारतीय मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम ने कहा हैं कि जिंदगी की रफ्तार मंद पड़ने से उन्हें आजादी के नए मायने भी समझ में आ गए हैं. इस महीने जोर्डन में एशियाई ओलंपिक क्वालिफायर के लिए ओलंपिक कोटा हासिल करने वालीं मैरीकॉम वहां से लौटने के बाद दिल्ली स्थित अपने घर में खुद को अलग रखे हुए हैं.
उन्होंने कहा,‘यह अलग रहने का सबसे अच्छा हिस्सा है. मैं अपने परिवार के साथ हूं और किसी बात की चिंता नहीं है. मैं हर किसी से अपील करना चाहती हूं कि घबराए नहीं और घर पर अपने परिवार के साथ समय बिताएं. मुझे इस समय आजादी के नए मायने समझ में आ रहे हैं. मुझे रोज के शेड्यूल का कोई तनाव नहीं है.’ जोर्डन जाने से पहले भारतीय मुक्केबाज इटली में अभ्यास शिविर के लिए गए थे. भारत की पूरी टीम को आईओसी से कोविड-19 निगेटिव सर्टिफिकेट मिला है लेकिन इसके बावजूद एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया.
राज्यसभा सांसद मैरीकॉम संसद सत्र में नियमित तौर पर उपस्थित रहती है लेकिन इस बार अधिकांश सत्र में नहीं जा सकीं. उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि इस सत्र में आखिरी कुछ दिन जा सकूंगी. इस महीने के आखिर तक मेरा अलग रहने का समय खत्म हो जाएगा. उसके बाद भी संसद कुछ दिन चलेगी.’ मैरीकॉम ने कहा, ‘इस समय मुझे इतना ही पता है कि मेरे बच्चे बहुत खुश हूं. पिछले दस बारह दिन से उन्हें बिना किसी बाधा के उनकी मां मिली है.’
कोरोना वायरस के चलते एथलेटिक्स महासंघ की सालाना बैठक और चुनाव हुए स्थगित
पुणे में खेल मंत्रालय की सलाह के विरुद्ध हो सकते है ओलंपिक ट्रायल