नई दिल्ली: भारतीय महिला बॉक्सर मैरीकॉम ने वो कारनामा कर दिखाया जो इससे पहले दुनिया की कोई भी महिला मुक्केबाज नहीं कर पाई थी. 35 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपने देश में दर्शकों के सामने जब छठी बार महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशन का खिताब जीता तो पूरी दुनिया उनका जज्बा देखकर दंग रह गई. फाइनल में अपने से 13 वर्ष की छोटी उम्र की बॉक्सर को मात देकर उन्होंने ये उपलब्धि अपने नाम की है.
महिला क्रिकेट टीम में सफल गेंदबाज रही ये खिलाड़ी
उम्र के इस पड़ाव पर मैरीकॉम आज भी देश के लिए जैसा प्रदर्शन कर रही हैं उसके लिए चारों ओर उनकी प्रशंसा हो रही है. मैरीकॉम ने अपने छठे खिताब से पहले बॉक्सिंग में लगातार पांच बार विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता था, उनके इस सफर की शुरुआत वर्ष 2002 में हुई थी, इस वर्ष पहली बार उन्होंने 45 किलोग्राम भारवर्ग में विश्व चैंपियन का ख़िताब जीता था.
इतिहास रच विश्व विजेता बनी 'मैरी कॉम', रोते हुए देश को समर्पित की यह ख़ास उपलब्धि
इसके बाद वर्ष 2005, 2006 और 2008 में उन्होंने 48 किलोग्राम भारवर्ग में विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता. पांचवीं बार उन्होंने वर्ष 2010 में ब्रिजटाउन में 48 किलोग्राम भारवर्ग में यह खिताब जीता. विश्व चैंपियनशिप का खिताब आखिरी बार जीतने के आठ वर्ष के बाद उन्होंने एक बार फिर से बॉक्सिंग रिंग में अपना वही जलवा बिखेरा जिसके लिए वो विख्यात हैं, अब मैरीकॉम विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली दुनिया की पहली महिला बॉक्सर बन गईं हैं, उनसे पहले कोई महिला बॉक्सर यहाँ तक नहीं पहुँच पाई है.
स्पोर्ट्स अपडेट:-
फिरकी के जाल में उलझे कैरेबियन बल्लेबाज़, तीसरे दिन ही बांग्लादेश ने जीता टेस्ट
सैयद मोदी बैडमिंटन: सेमीफइनल में पहुंचे साइना नेहवाल और समीर वर्मा
क्रिकेट मैच में रन की जगह बरसी गोलियां, 7 लोगों की हुई मौत