प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। जी हाँ और आज कार्तिक मास की मासिक दुर्गाष्टमी है और आज 01 नवंबर है। आपको बता दें कि इस दिन लोग मां दुर्गा की उपासना करते हैं। इसके अलावा इस दिन व्रत भी रखा जाता है। जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि मासिक दुर्गाष्टमी के दिन जो कोई विधि-विधान से मां दुर्गा की उपासना करते हैं, उनकी हर इच्छा पूरी होती है। इसी के साथ ही साथ जीवन के कष्टों से छुटकारा मिलता है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। अब हम आपको बताते हैं कार्तिक शुक्ल पक्ष के मासिक दुर्गाष्टमी तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में।
मासिक दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त -
कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि आरंभ- 01 नवंबर को 01:11 ए एम पर
कार्तिक शुक्ल अष्टमी तिथि समाप्त- 01 नवंबर को रात 11 बजकर 04 मिनट पर
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट पर
मासिक दुर्गाष्टमी की पूजन विधि- मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह सवेरे उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इसके बार स्नान करें। वहीं स्नान के बाद साफ सुथरे वस्त्र पहनकर मां दुर्गा का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। अब इसके बाद पूजा घर में एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की मूर्ति या फिर तस्वीर स्थापित करें। अब मां दुर्गा की पूजा शुरू करें। पूजा का क्रम में सबसे पहले शुद्धिकरण करते हुए आसन बिछाकर बैठ जाएं। इसके बाद फूल की मदद से थोड़ा सा जल छिड़कें। इसके बाद फूल, माला चढ़ाएं। अब सिंदूर के साथ चुनरी सहित अन्य सोलह श्रृंगार माता को अर्पित करें।
इसके बाद मां दुर्गा को भोग के लिए मिठाई के साथ एक पान में एक सुपारी, 1 इलायची, 2 लौंग, 2 बताशा और एक रुपए रखकर चढ़ाएं। इसके बाद वहां जल छोड़ें। अब मां दुर्गा के समक्ष घी का दीपक, धूप आदि जलाएं। फिर श्रद्धाभाव के साथ मां दुर्गा का स्मरण करते हुए दुर्गा चालीसा का पाठ करें। अब पूजन के अंत में मां दुर्गा की आरती करें। इसके बाद भूल चूक के लिए मां दुर्गा से क्षमा मांगते हुए प्रसाद वितरित करें। ध्यान रहे पूरे दिन फलाहारी व्रत रखते हुए अगल दिन यानी नवमी तिथि को स्नान, पूजा पाठ करके व्रत का पारण करें।
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