नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2019 के अंतिम चरण के मतदान के बाद जब सभी के सामने एक्जिट पोल आए तो स्थिति साफ हो चुकी थी, कि भाजपा फिर से सरकार बनाएगी. वहीं आज रूझानों ने भी यह साफ कर ही दिया. फिलहाल देशभर में रूझानों में NDA 350 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं. लेकिन वो कौन-सी बातें है जिसके कारण कांग्रेस को एक बार फिर से बुरी हार मिली है. तो आइए जानते है इसके बारे में...
1. मोदी-शाह की रणनीति...
सही कहा जाए तो इस लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने मुद्दे सेट किए हैं और कई बार उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कुछ ऐसी बातें भी उठाईं, जिसने कांग्रेस और दूसरी पार्टियों को उसमें उलझा ही दिया. अतः एक कारण उसके घर का यह बे रहा कि कांग्रेस मोदी-शाह की रणनीति को समझ नहीं सकी.
2. सीमित नेता...
- कांग्रेस ने हाल के बरसों में एक बड़ी गलती यह भी की कि अपनी पार्टी के पुराने नेताओं को तो उसने किनारे कर ही दिया. साथ ही युवा चेहरों को ढंग से उभरने का मौका भी उसने नहीं दिया. वो हाल इस चुनावों में साफ नजर आया. सीमित नेताओं के कारण भी कांग्रस का चुनाव-प्रचार भी कमजोर नजर आया. कांग्रेस के पास राहुल गांधी, प्रियंका गांधी को छोड़कर कोई ऐसा नेता नजर ही नहीं आया, जिसने ज्यादा से ज्यादा रैलियां की हों.
3. गठबंधन नहीं करना....
- कांग्रेस को यह भी स्वीकार करना चाहिए कि उसका आधार पिछले कुछ सालों में बेहद ही कमजोर रहा है और ऐसे में उसे अलग अलग प्रदेशों में गठबंधन ना करना भी उसकी यह बड़ी भूल रही हैं. वहीं उसे जहां जरूरत थी, वहां अन्य दलों के साथ गठबंधन उसे करना था.
4. रणनीति स्तर पर चालाकी का अभाव...
- ख़ास बात यह है कि यह जाहिर हो चुका है कि रणनीति और असर छोडऩे के मोर्चे पर कांग्रेस जहां सोचना बंद कर देती है, तो वहीं वहां से मोदी और अमित शाह की जोड़ी सोचना शुरू कर देती है. ये लोकसभा चुनावों में देखने को मिला है.
5. ग्रासरूट लेवल पर काम नहीं...
- कांग्रेस को इस घर से भाजपा की बंगाल और नार्थईस्ट की रणनीति से सबक लेना पड़ेगा. बंगाल में दो तीन साल पहले तक ममता के मजबूत गढ़ में बीजेपी का नाम तक नहीं था, लेकिन भाजपा ने जमकर जमीनी स्तर पर प्रतिकूल स्थितियों में काम किया है.
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