मुंबई: महाराष्ट्र के भंडारा जिले में शुक्रवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। जवाहरनगर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में हुए जबरदस्त विस्फोट में आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि सात लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह धमाका इतना शक्तिशाली था कि आस-पास का इलाका दहल गया। फैक्ट्री की छत पूरी तरह से ढह गई, और लोहे के बड़े-बड़े टुकड़े दूर-दूर तक बिखर गए।
हादसे के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। घटनास्थल पर दमकल विभाग, पुलिस, तहसीलदार, और जिला प्रशासन के अधिकारी पहुंच गए। स्थिति को संभालने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) को भी तैनात किया गया है। जानकारी के अनुसार, यह विस्फोट सुबह करीब 10 बजे फैक्ट्री के आरके ब्रांच सेक्शन में हुआ। इस दौरान फैक्ट्री में 12 लोग मौजूद थे। धमाके के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। मौके पर राहत कार्य में जुटे अधिकारियों ने बताया कि दो लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है, लेकिन आठ लोगों की जान चली गई। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
भंडारा के कलेक्टर संजय कोल्टे ने जानकारी दी कि विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि फैक्ट्री की छत ढह गई। मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीनों का सहारा लिया जा रहा है। धमाके की वजह से फैक्ट्री के अंदर और आस-पास भारी नुकसान हुआ है। लोहे के बड़े-बड़े टुकड़े दूर तक जा गिरे, जिससे आसपास के लोग भी दहशत में आ गए। घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग और पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई। तहसीलदार और प्रशासनिक अधिकारी भी राहत और बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने फैक्ट्री के आस-पास के इलाके को खाली करा लिया है, ताकि किसी और हादसे से बचा जा सके।
राज्य सरकार ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश देते हुए अधिकारियों से कहा है कि इस हादसे की पूरी रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रस्तुत की जाए। फैक्ट्री के अधिकारियों और पुलिस ने बताया कि यह हादसा सुरक्षा नियमों के उल्लंघन के कारण हो सकता है। हालांकि, धमाके की असली वजह का पता लगाने के लिए एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, फैक्ट्री के आरके ब्रांच सेक्शन में विस्फोटक सामग्री का संचालन चल रहा था, जिसके दौरान यह धमाका हुआ।
घटनास्थल के आस-पास रहने वाले लोग इस हादसे से डरे हुए हैं। उन्होंने प्रशासन से सवाल किया है कि आखिर फैक्ट्री में सुरक्षा के मानकों की अनदेखी क्यों की गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की फैक्ट्रियां सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील होती हैं, और यहां किसी भी लापरवाही का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है।
राज्य के गृहमंत्री ने कहा है कि हादसे की जांच तेजी से की जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। साथ ही घायलों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी। पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता के लिए जल्द ही योजना बनाई जाएगी।
यह हादसा उन परिवारों के लिए अकल्पनीय त्रासदी बन गया है, जिन्होंने अपने परिजनों को खो दिया। घायल हुए लोगों के परिवार अस्पतालों के बाहर अपने प्रियजनों की सलामती के लिए दुआ मांग रहे हैं। यह घटना एक बार फिर से देश में फैक्ट्रियों की सुरक्षा और मानकों पर सवाल खड़े करती है। इस हादसे से न केवल जान-माल का नुकसान हुआ है, बल्कि यह जिम्मेदार अधिकारियों और व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े करता है।