इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू पर लगे भ्रष्टाचार के इल्ज़ामों को लेकर हजारों लोगों ने साप्ताहिक प्रदर्शनों में भाग लिया। इस बीच लोगों ने भ्रष्टाचार के इल्ज़ामों पर उनके इस्तीफे की मांग की। नेतन्याहू पर अरबपति सहयोगियों और मीडिया से जुड़े तीन केसों में रिश्वत लेने, धोखाधड़ी और विश्वासघात करने के इलज़ाम लगाए जा चुके है। हालांकि उन्होंने कुछ भी गलत करने से मना किया है। यही नहीं प्रदर्शनकारियों ने नेतन्याहू पर कोविड महामारी से निपटने में लापरवाही का भी इलज़ाम भी लगाया जा चुका है।
यरुशलम में पीएम के आवास के पास पिछली गर्मियों से हर सप्ताह विरोध प्रदर्शन हो किया जा रहा है। हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी जमा होकर नेतन्याहू विरोधी नारे लगाते हैं। इस वर्ष मार्च में इजरायल में फिर चुनाव हो सकते है। देश में 2 वर्षों के अंदर यह चौथा चुनाव होगा। शनिवार तक 9 मिलियन (90 लाख) आबादी वाले इजरायल में 2.5 मिलियन (25 लाख) से अधिक लोगों को कोविड का पहला टीका लगा दिया गया है।
जहां इस बात का पता चला है कि विरोध प्रदर्शन देश में तीसरे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के मध्य किया गया। देश में महामारी बढ़ने पर हाल ही में तीसरी बार लॉकडाउन का एलान कर दिया और स्कूलों को बंद कर दिया गया। कोरोना वायरस से निपटने के लिए टीकाकरण अभियान चल रहा है। इधर, भ्रष्टाचार के आरोपों में नेतन्याहू के खिलाफ इसी हफ्ते ट्रायल शुरू होने वाला था, लेकिन महामारी के चलते इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है।
अमेरिका ने ताइवान पर 'सैन्य, राजनयिक और आर्थिक दबाव' पर व्यक्त की चिंता
महिला उद्यमी ने ड्रेगन फ्रूट का किया उत्पादन
ब्रिटिश वैज्ञानिकों का बड़ा एलान, कहा- कोविड वैक्सीन दो खुराकों के बीच अब 12 हफ्ते हो अंतर