इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की एक रैली के दौरान ईशनिंदा का इल्जाम लगाने के बाद खैबर पख्तूनख्वा के मर्दन में हिंसक भीड़ ने एक व्यक्ति की पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया। पाक मीडिया के अनुसार, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कई लोग एक व्यक्ति को बुरी तरह पीटते हुए नज़र आ रहे हैं। आक्रोशित भीड़ सावल ढेर इलाके में 40 साल के व्यक्ति को तब तक मारती रही, जब तक उसने दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद से इलाके में तनाव फैल गया है। इलाके में भारी पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया है।
**WARNING DISTRESSING CONTENT**
— Harris Sultan (@TheHarrisSultan) May 6, 2023
I've been saying it for at least 5 years that the frequency of these lynchings is only going to increase. According to initial reports, a cleric by the name of Maulana Nigar Alam said "I love Imran Khan like I love prophets."
A seemingly… pic.twitter.com/4nGfbcshfL
पाक मीडिया द फ्राइडे टाइम्स के अनुसार, सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कई लोगों को शख्स को बुरी तरह पीटते हुए नज़र आ रहे हैं। भीड़ ने सावल ढेर इलाके में एक 40 साल के व्यक्ति के निर्जीव शरीर को बेरहमी से पीटते और घसीटते हुए भी देखा। मृतक की शिनाख्त मौलाना निगार आलम के रूप में की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की एक रैली में भीड़ के सामने यह ऐलान करने का इल्जाम लगाया गया था कि वह PTI के अध्यक्ष इमरान खान का एक पैगंबर की तरह सम्मान करते हैं, क्योंकि वह एक ईमानदार शख्स हैं।
कथित बयान ने जल्द ही मौके पर मौजूद लोगों के बीच आक्रोश को भड़का दिया। कुछ ने बताया कि भीड़ को पीछे धकेलने के लिए पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। लोगों ने उस व्यक्ति पर उस वक़्त हमला किया, जब वह वहां कुछ बुजुर्गों से चर्चा कर रहा था। द फ्राइडे टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि घटना से पहले, देवबंदी विचारधारा के कुछ मौलवियों ने मांग की थी कि पीड़ित के खिलाफ ईशनिंदा के इल्जाम में केस दर्ज किया जाए। द फ्राइडे टाइम्स के मुताबिक, विभिन्न सोशल मीडिया यूजर्स की राय थी कि उस व्यक्ति के संवेदनशील बयान ने जनता को भड़काया, जिसके चलते उस व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
#BREAKING | A 40-year-old Maulana Nigar Alam lynched by Mob that too in presence of policemen in Khyber Pakhtunkhwa's #Mardan district during Imran Khan's (PTI solidarity rally after he claimed that he respects #ImranKhan like a #prophet.#Blasphemy #Pakistan #terrorism pic.twitter.com/Zkby1Ka9w1
— Subodh Kumar (@kumarsubodh_) May 6, 2023
अंतरराष्ट्रीय और पाकिस्तानी अधिकार समूहों का कहना है कि ईशनिंदा के आरोपों का उपयोग अक्सर धार्मिक अल्पसंख्यकों को डराने और निजी दुश्मनी निपटाने के लिए किया जाता है। पाकिस्तान की सरकार काफी समय से देश के ईशनिंदा कानूनों को बदलने के लिए दबाव में रही है, मगर देश की अन्य सियासी ताकतों ने कड़ा विरोध किया है। इससे पहले फरवरी में, ननकाना साहिब में ईशनिंदा के आरोपी एक व्यक्ति को कट्टरपंथियों की आक्रोशित भीड़ ने जबरदस्ती थाने से बाहर ले जाकर मार डाला था।
इस घटना की रिपोर्ट वारबर्टन क्षेत्र में की गई थी, जहां आरोपी, एक मुस्लिम शख्स को अपनी पूर्व पत्नी की तस्वीरों का इस्तेमाल करने के लिए ईशनिंदा और जादू-टोना करने के इल्जाम में हिरासत में लिया गया था। उस व्यक्ति पर कुरान के पन्नों को आग लगाने का भी इल्जाम लगाया गया था। द फ्राइडे टाइम्स के अनुसार, दो साल जेल में बिताने के बाद उसे हाल ही में रिहा किया गया था,, जिसे भीड़ ने मार डाला। इससे पहले श्रीलंका के एक मैनेजर को पाकिस्तान में जिन्दा जला दिया गया था, उस पर आरोप लगाया गया था कि, मैनेजर ने 'मोहम्मद' लिखे एक पेपर को फाड़ दिया था।
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