लखनऊ: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी का बृहस्पतिवार को देहांत हो गया। वह लंबे वक़्त से बीमार थे। निमोनिया एवं सांस लेने में समस्या होने के चलते उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उन्हें उपचार के लिए रायबरेली से लखनऊ के हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया था। उन्होंने डालीगंज स्थित नदवा मदरसे में अंतिम सांस ली।
मौलाना राबे हसनी नदवी को उनकी बेबाकी के लिए जाना जाता था। धार्मिक मामलों को लेकर वो समाज के लोगों को अक्सर नसीहत देते रहते थे। एक बैठक में उन्होंने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा था कि मुसलमानों ने इस्लाम धर्म को नमाज तक ही सीमित कर दिया तथा सामाजिक मामलों की उपेक्षा की जा रही है। मौलाना राबे हसन नदवी ने कहा कि इस्लाम धर्म जीवन के सभी क्षेत्रों में हमारा मार्गदर्शन करता है। इसलिए मुसलमानों को हर क्षेत्र में हलाल एवं हराम का ध्यान रखना चाहिए। इस्लाम को केवल नमाज तक सीमित नहीं रखना चाहिए। इस्लामी शरीयत को बदनाम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा था कि मुसलमानों को सामाजिक रीति-रिवाजों से बचना चाहिए एवं सुन्नत व शरीयत के मुताबिक शादी करें। शादी में दहेज देने की जगह जायदाद में लड़की को उसका हक दिया जाए। शादी के चलते इस्लामी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए। जिससे कोई मुस्लिम लड़की अपने घर में अविवाहित न बैठे। उन्होंने कहा कि इसके लिए शादियों को सरल बनाया जाए तथा बिना किसी दहेज के निकाह हों।
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