बेतुके बयानों के सिलसिले में इजाफा करते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जदीद के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती रईस अशरफ ने कहा है कि औरतें बेवकूफ होती हैं. सिर्फ़ औरत की ग़लती के कारण ही तलाक होते हैं.
तीन तलाक मामले पर मीडिया से बातचीत में मौलाना ने बयान दिया कि "अगर औरत समझदार है, पढ़ी-लिखी है, अपनी पति की बातों को समझकर काम करती है तो कभी तलाक नहीं होगा. तलाक सिर्फ महिलाओं की ग़लती की वजह से ही होता है." मौलाना ने आगे कहा कि " शौहर कभी अपनी खुशी से तलाक नहीं देता. औरत की कोई न कोई ग़लती होती है, उसकी कमी होती है, इसलिए तलाक होता है."
उनके इस बयान पर वहां मौजूद पेशे से वकील नाजिया इलाही खान ने कहा कि "इस्लाम में औरत और मर्द को बराबर का दर्जा दिया गया है. उसकी आजादी क्यों कंट्रोल की जा रही है. उसे क्यों पढ़ने नहीं दिया जा रहा है. दहेज के लिए क्यों ये मौलवी नहीं बोलते हैं." इस पर मौलाना अशरफ गुस्सा हो गए. तब सामाजिक कार्यकर्ता अंबर जैदी ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि "आपको तो महिलाएं इंसान ही नहीं लगती हैं. लड़कियों को पढ़ाया नहीं जाता, उन्हें उनका हक नहीं दिया जाता. उनके साथ जुल्म होते हैं. आपको शर्म आनी चाहिए खुद को मौलाना कहते हुए."
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