लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्थित बरेली के मौलाना तौकीर रज़ा खान ने एक बार भड़काऊ भाषण दिया है। दरअसल, पैगंबर मुहम्मद पर कथित विवादित टिप्पणी को लेकर भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की गिरफ़्तारी की माँग को लेकर मौलाना ने एक रैली की थी। इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को कलमा पढ़ कर इस्लाम को समझने की सलाह दे डाली। इसके साथ ही मौलाना ने उन्हें मुस्लिम बन जाने के लिए भी कहा।
ये रैली इस्लामिया ग्राउंड में बुलाई गई थी, जहाँ प्रशासन ने 1500 लोगों को ही इसमें शामिल होने की इजाजत दी थी। मौलाना ने भारत में मुस्लिमों के साथ हो रहे कथित अत्याचार का दावा करते हुए धमकी दी कि वो इस बारे में पूरी दुनिया को बताएँगे। मौलाना ने ‘अग्निपथ’ योजना का विरोध करते हुए कहा कि जब योजना का नाम ही ऐसा है, तो आग तो लगनी ही है। ‘यौमे दुरूद’ नामक विरोध प्रदर्शन में मुस्लिमों ने काली पट्टी लगा कर भी विरोध जताया। मौलाना ने दावा करते हुए कहा कि इस्लाम ही पूरे विश्व में अमन कायम कर सकता है, क्योंकि इसमें कोई छोटा-बड़ा या ऊँच-नीच नहीं होता। हालांकि, इस दौरान मौलाना ने दुनियाभर में फैले इस्लामी आतंकवाद पर एक शब्द नहीं कहा। मौलाना ने कहा कि, 'आओ नरेंद्र मोदी, कलमा पढ़ो। हम भी आपको सिर पर बिठा लेंगे। अल्लाह के सिवा हम किसी से नहीं डरते। हम इस सरकार को कोई ज्ञापन नहीं सौंपेंगे, क्योंकि इसने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। ज्ञापन संयुक्त राष्ट्र (UN) में देंगे। लोग हमें घर-वापसी कराना चाहते हैं। नरेंद्र मोदी कलमा पढ़ कर इधर आ जाएँ। ऐसा माहौल पूरे देश में बनाएँगे।'
पीएम मोदी पर देश को बदनाम करने का इल्जाम लगाते हुए मौलाना ने कहा कि उन्हें मोदी के मुकाबले योगी राज अधिक नापसंद है, मगर योगी राजधर्म का पालन कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि अयोध्या में मुस्लिमों को बदनाम करने वालों को सीएम योगी आदित्यनाथ ने जेल भेजा। उन्होंने कहा कि योगी सरकार के इस कदम की हम प्रशंसा करते हैं और अमन के हर काम में हम आपके साथ हैं, रहेंगे। ‘अग्निपथ’ पर उन्होंने कहा कि मोदी सरकार युवाओं को बर्बाद करने पर उतारू है।
बता दें कि, देशभर में धर्मांतरण के मामले लगातार सामने आते रहते हैं, कभी लव जिहाद, तो कभी ब्रेनवाश करके लोगों का धर्म बदलने की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। धर्मान्तरण का मुख्य कारण ये समझना ही है कि, मेरा धर्म ही सर्वोपरि है, दूसरे सारे धर्म झूठे हैं। इसी सोच के चलते कट्टरपंथी, किसी भी तरह बस लोगों का धर्मान्तरण करना चाहते हैं। कई बार तो ये कट्टर विचारधारा इंसान के विवेक पर इतनी हावी हो जाती है कि वो धर्मान्तरण या मृत्यु में से किसी एक को चुनने का विकल्प देने लगते हैं। तालिबान राज के बाद अफ़ग़ानिस्तान के सिखों को यही विकल्प दिया गया था कि या तो वे इस्लाम क़बूलें या फिर देश छोड़ दें। 1990 में कश्मीर में हुए हिन्दुओं के नरसंहार के समय भी रलिव, गलीव या चालिव (यानि धर्म बदलो, भाग जाओ या मारे जाओ) में से एक को चुनने के लिए कहा गया था। इसी विचारधारा से त्रस्त होकर अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान से हिन्दू और सिख पलायन कर हिंदुस्तान आते हैं। अपने धर्म पर विश्वास होना बहुत अच्छी बात है, लेकिन जब आप ये मानने लगते हैं कि, मेरे धर्म को छोड़कर सभी धर्म-मजहब झूठे हैं, तो यहीं से आप दूसरे के अधिकारों का हनन करने लगते हैं। विश्व में शान्ति कायम करने के लिए ये जरूरी है कि, सर्व धर्म सम भाव, (हिन्दू धर्म की एक अवधारणा, जिसके अनुसार सभी धर्मों द्वारा अनुसरण किए जाने वाले मार्ग भले ही अलग हो सकते हैं, किंतु उनका गंतव्य एक ही है) का पालन किया जाए।
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