रांची: झारखंड के जमशेदपुर में इजराइल और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच जारी जंग को लेकर एक विवादित विरोध प्रदर्शन हुआ है। यहाँ, शुक्रवार (जुम्मा) को नमाज़ के बाद ईदगाह मैदान में जुटी भीड़ ने इजराइल मुर्दाबाद के नारे लगाए। इस भीड़ का नेतृत्व तंजीम अहले सुन्नत ओ जमात नामक एक संगठन ने किया था। इस दौरान मस्जिद के मुफ़्ती ने बाकी लोगों के साथ मिल कर मज़हबी नारे लगाए और इजराइल के बर्बाद होने की दुआ की।
रिपोर्ट्स के अनुसार, मामला जमशेदपुर के मानगो क्षेत्र का है। यहाँ के आज़ादनगर स्थित ईदगाह मैदान में जुम्मे (20 अक्टूबर) को दोपहर में भीड़ इकठ्ठा होने लगी। भीड़ में मौजूद लोगों ने हाथों में तख्तियाँ ले रखी हुईं थीं। इन तख्तियों पर ‘लब्बैक या अक्सा’ लिखा हुआ था। कई पोस्टरों में अल अक्सा मस्जिद का चित्र भी बना हुआ था और कुछ में इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की तस्वीर थी, जिस पर कातिल और हत्यारा लिखा हुआ था।
ईदगाह मैदान में तक़रीबन 100 लोगों की भीड़ ने इजराइल के विरोध और फिलिस्तीन के पक्ष में जमकर नारेबाजी की। इस भीड़ ने ‘जालिम अमेरिका मुर्दाबाद’, ‘जालिम इजरायल मुर्दाबाद’, ‘मुस्लिम हुक्मरानों की गैरत मुर्दाबाद’, ‘सऊदी हुकूमत मुर्दाबाद’, ‘मुस्लिम लीग मुर्दाबाद’, ‘ब्रिटेन मुर्दाबाद’ की नारेबाजी की। यही नहीं, नारेबाजी के लिए बाकायदा माइक और लाऊडस्पीकर का भी इस्तेमाल किया गया था। इस प्रदर्शन की तैयारी पहले से ही कर ली गई थी, क्योंकि मुफ़्ती और संगठन के सदस्यों के लिए ईदगाह मैदान में मंच भी लगा हुआ था। इस मंच से मुफ्ती जियाउल मुस्तफा ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि, 'हम सब अल्लाह से दुआ करते हैं कि अल्लाह इजराइल को तबाह ओ बर्बाद कर दें।'
बाद में इस प्रदर्शन के आयोजकों ने मीडिया से भी बातचीत की। शहर की मदीना मस्जिद के इमाम मुफ्ती अब्दुल मालिक मिस्बाही ने कहा कि, 12 दिनों से फिलिस्तीन पर इजराइल ने दहशतगर्दी की इंतिहां कर रखी है। इमाम ने कहा कि, 'मैं कहता हूँ कि हमास ने इजराइल पर हमला किया। कोई भी बहादुर होता है, वो बहादुरी से लड़ता है। औरतों और बच्चों पर हमला करना दहशतगर्दी है।' उन्होंने संयुक्त राष्ट्र (UN) से माँग करते हुए कहा कि इजराइल के हमलों को जल्द से जल्द रोका जाए।
मुफ़्ती अब्दुल मालिक ने पूरे विश्व के मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि वो सभी इजराइल में बने सामानों का बहिष्कार करें। इस कार्य्रकम में शामिल तंजीम अहले सुन्नत ओ जमात के महासचिव मुफ्ती जियाउल मुस्तफा ने अल्लाह से इजराइल को तबाह-बर्बाद करने की प्रार्थना की। उन्होंने भारत सरकार से भी माँग की है कि वो इस मामले में दखल देकर फिलिस्तीनियों को उनका हक दिलाए। हालाँकि, गौर करने वाली बात ये भी है कि, फिलिस्तीन का समर्थन करने वाले वर्ग में से कोई भी फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास की निंदा नहीं कर रहा है, जिसके हमले में 1400 इजराइली नागरिक मारे गए और इसके बाद इजराइल पलटवार करने के लिए मजबूर हुआ। अब भी इजराइल के 200 से अधिक नागरिक हमास के पास बंधक हैं, इजराइल से हमला रोकने की मांग कर रहे ये लोग, हमास से बंधकों को छोड़ने की अपील भी नहीं कर रहे हैं। तो क्या एक देश अपने नागरिकों को आतंकियों के चंगुल में मरने के लिए छोड़ सकता है ?