सर्वसम्मति से फिर बसपा अध्यक्ष बनीं मायावती, भतीजे आकाश को सौंपी अहम जिम्मेदारी

सर्वसम्मति से फिर बसपा अध्यक्ष बनीं मायावती, भतीजे आकाश को सौंपी अहम जिम्मेदारी
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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मंगलवार को मायावती को फिर से सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। 68 वर्षीय मायावती 18 सितंबर, 2003 से लगातार इस पद पर चुनी जा रही हैं। इस बैठक में आकाश आनंद को कई महत्वपूर्ण राज्यों की जिम्मेदारी सौंपने का भी निर्णय लिया गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, और चुनावी राज्य हरियाणा शामिल हैं। आकाश आनंद चुनावी राज्यों में प्रचार की कमान संभालेंगे और संगठन को मजबूत करने के लिए काम करेंगे।

बसपा ने फैसला किया है कि वह हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, झारखंड, और दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने चुनावी तैयारियां पूरी कर ली हैं और पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी। इन चुनावों में बसपा को खासकर बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई लड़नी है, और पार्टी का लक्ष्य पहले बैलेंस ऑफ पावर बनाना है। इस विशेष बैठक में बसपा की केंद्रीय कार्यकारी समिति (CEC) और राष्ट्रीय स्तर के वरिष्ठ पदाधिकारियों, राज्य इकाइयों, और देशभर से आए प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। बैठक में पार्टी अध्यक्ष के रूप में मायावती के चयन के साथ-साथ कई समन्वयकों को हटाने और स्थानांतरित करने का भी निर्णय लिया गया। संगठन ने कहा कि जो समन्वयक सक्रिय नहीं थे, उन्हें जिम्मेदारी मुक्त किया गया है, और कुछ समन्वयकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया गया है।

मायावती उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं और उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा में भी अपनी सेवाएं दी हैं। यूपी की विधानसभा और विधान परिषद में भी उन्होंने सदस्य के रूप में काम किया है। बसपा के संस्थापक कांशीराम ने उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया था। इसी साल, मायावती ने आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी नामित किया और उन्हें राष्ट्रीय संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी है। इससे पहले, लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मई में, मायावती ने आकाश आनंद को सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया था, जिसमें राष्ट्रीय समन्वयक और उत्तराधिकारी के पद शामिल थे। मायावती का कहना था कि जब तक आकाश पूरी तरह से परिपक्व नहीं हो जाते, उन्हें इन महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से अलग रखा जाएगा। हालांकि, चुनावी नतीजों के बाद जून में आकाश को फिर से सभी जिम्मेदारियां सौंप दी गईं और उन्हें पार्टी में एक मजबूत भूमिका दी गई।

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