कानपुर: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कानपुर में हुई हिंसा और पत्थरबाज़ी की घटना को लेकर शनिवार को राज्य सरकार पर निशाना साधा और ''जाति, धर्म तथा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर'' दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है। मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के राज्य के दौरे के वक्त कानपुर में दंगा व हिंसा भड़कना अति-दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण व चिन्ताजनक है और पुलिस खुफिया तंत्र की विफलता का संकेत है। सरकार को समझना होगा कि शान्ति व्यवस्था के अभाव में प्रदेश में निवेश व यहां का विकास कैसे संभव ?'
पूर्व सीएम मायावती ने आगे कहा कि, 'सरकार इस घटना की धर्म, जाति व दलगत राजनीति से ऊपर उठकर स्वतंत्र व निष्पक्ष तथा उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटना आगे न होने पाए।' बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने लोगों से शान्ति व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भडकाऊ भाषणों आदि से बचने का भी अनुरोध किया। उल्लेखनीय है कि कानपुर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद दो समुदाय के लोगों में झड़प हो गई और उन्होंने एक-दूसरे पर पथराव किया। इस दौरान फायरिंग भी हुई।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा हाल ही में टीवी पर एक डिबेट में चर्चा के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित रूप से विवादित टिप्पणी किए जाने के विरोध में जब मुस्लिम संगठन के लोगों ने जबरन दुकानें बंद कराने कि कोशिश की, तो दोनों पक्ष आमने सामने आ गए और उन्होंने ना सिर्फ एक-दूसरे पर पत्थर फेंके, बल्कि इस दौरान गोलियां भी चलायीं।
हिंसा में कौन-कौन घायल ?
बता दें कि, कानपूर में भड़की इस हिंसा में इंस्पेक्टर सीसामऊ कैलाश दुबे, सिपाही विवेक कुमार, सिविल डिफेंस डिप्टी डिवीजनल वार्डन नरेश कुमार भगतानी और आम लोगों में मुकेश, मंजीत यादव, राहुल त्रिवेदी, अमर बाथम, संजय शुक्ला, आशीष, अनिल गौड़, मुकेश देवगौड़ा, सौरभ गुप्ता, शिवम, आदर्श, पुत्तल, कैलाश आदि घायल हुए।
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