PFI पर बैन के विरोध में उतरे मायावती, लालू यादव और सपा सांसद, जानिए क्या बोले ?

PFI पर बैन के विरोध में उतरे मायावती, लालू यादव और सपा सांसद, जानिए क्या बोले ?
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नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। PFI के साथ उसके 8 सहयोगी सगठनों पर भी 5 वर्ष तक के लिए बैन लगाया गया है। सरकार के इस एक्शन अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो और पूर्व सीएम मायावती की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने सरकार के इस कदम को सियासी बताते हुए कहा कि चुनाव से पहले PFI को टारगेट किया गया है।  

मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले PFI और उसके सहयोगी संगठनों पर बैन लगा दिया गया है। उसे सियासी स्वार्थ और संघ तुष्टीकरण की नीति मानकर यहां लोगों में संतोष कम और बेचैनी अधिक है। यही वजह है कि विपक्षी पार्टियां सरकार की नीयत में खोट मानकर इस मुद्दे पर भी आक्रोशित व हमलावर हैं और संघ पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग खुलेआम हो रही है कि यदि PFI देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए खतरा है तो उस जैसी अन्य संगठनों पर भी प्रतिबंध क्यों नहीं लगना चाहिए? 

वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि PFI की तरह जितने भी नफरत और द्वेष फैलाने वाले संगठन हैं सभी पर बैन लगाना चाहिए जिसमें RSS भी शामिल है। सबसे पहले RSS को प्रतिबंधित करिए, ये PFI से भी बदतर संगठन है। सम्भल से सपा सांसद शफीक उर रहमान बर्क ने कहा कि PFI पर प्रतिबंध गलत है, वह एक सियासी दल है। देश में लोकतंत्र है, ऐसी पॉलिटिकल पार्टियां काफी हैं। मेरी राय में ये कदम सही नहीं है। उन्होंने कहा कि PFI सदस्यों की जो गिरफ्तारियां हुई हैं, वो भी गलत हैं। उन्होंने कहा कि, जिस तरह से भाजपा में काम कर रही है। 2024 में जनता उन्हें सबक सिखाएगी

क्या है PFI ? (What Is PFI)

बता दें कि, PFI 2047 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के मिशन पर काम कर रहा था, जिसके लिए उसने बाकायदा 4 स्टेज में प्लान भी बना रखा था। PFI स्लीपर सेल पर पूरे देश में जांच एजेंसियों की तरफ से डाले गए कई छापों से यह पता चलता है कि कट्टरपंथी संगठन ने सरकारी एजेंसियों से बचने और अपने एजेंडे को फैलाने के लिए कई विंग लॉन्च कर रखे हैं। PFI ने सरकारी एजेंसियों के चंगुल से बचने के लिए कई छोटे-छोटे संगठन बना रखे थे। इन छोटे संगठनों के जरिए वह मुस्लिम बहुल इलाकों में स्थित स्कूलों, कॉलेजों और मदरसों में बड़ी तादाद में भर्ती अभियान चलाया जा रहा है। कई जगह मदरसों में मुस्लिम बच्चों को हिंसा का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इन लोगों पथराव करने और कराटे की भी ट्रेनिंग दी जा रही है।PFI का मकसद गरीब और पिछड़े मुस्लिम युवाओं को टारगेट करना है। इन लोगों को दिमाग में हिंदू विरोधी जहर भरकर उनका ब्रेनवॉश करना भी शामिल है। भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने के लिए वो SC/ST और OBC को हिन्दुओं के खिलाफ भड़काकर 'फूट डालो और राज करो' की नीति पर काम कर रहा है। 

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