लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी द्वारा नोटबंदी के बाद 104.36 करोड़ रूपए की नकदी जमा करने के आरोप से घिरने के बाद अब इस मामले में सफाई दी जा रही है। दरअसल बहुजन समाज पार्टी के नियमों के आधार पर बैंक में रूपए जमा करवाए गए हैं। इतना ही नहीं इसी के साथ भारतीय जनता पार्टी पर सरकारी मशीनरी का उपयोग करने का आरोप भी लगाया गया है। दरअसल बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर बहुजन समाज पार्टी की प्रतिष्ठा पर आंच आ रही है।
इतना ही नहीं विभिन्न दलों द्वारा चंदे का पैसा भी जमा करवा दिया गया है। चंदे के रूपए जमा करवाने, रूटीन प्रक्रिया के अंतर्गत चंदे की राशि को बैंक में जमा करवाई गई। दरअसल चंदे से एकत्रित पैसे को जमा करवाया गया। मिली जानकारी के अनुसार 21 अगस्त से लेकर नंवबर माह तक उत्तरप्रदेश में नोटबंदी हुई तो वे लखनऊ में थीं।
बहुजन समाज पार्टी ने इस मामले में कहा कि जो धन जमा करवाया गया है। वह देश से बड़े नोट लेकर आता है। इतना ही नहीं पार्टी इसके लिए चंदा भी इकट्ठा कर सकती है। गौरतलब है कि दिल्ली के करोलबाग स्थित यूनियन बैंक आॅफ इंडिया में बहुजन समाज पार्टी के खाते में 10 नवंबर से 9 दिसंबर के मध्य 104 करोड़ की राशि जमा करवाई गई थी।
उल्लेखनीय है कि बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने नोटबंदी का विरोध किया। उनका कहना था कि सरकार ने इस तरह के निर्णय को जल्दबाजी में लिया है। उन्होंने तो इसे आर्थिक आपातकाल तक कहा है। दरअसल प्रवर्तन निदेशालय के आॅडिट में यह बात पता चलने की जानकारी मिली है। नोटबंदी के बाद ईडी पूरे देश में 50 बैंक शाखाओं का आॅडिट किया जा रहा है।
ऐसे में सबसे अधिक पुराने नोट भी जमा किए गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तरप्रदेश में बहुजन समाज पार्टीग् की सरकार बनाने के लिए भाजपा एंड कंपनी साजिश करने में लगी है। भाजपा ने आय से अधिक संपत्ति का मसला बना रखा है। इतना ही नहीं बसपा को राजनीतिक तौर पर नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
माया के सुर-बीजेपी और सपा के मधुर
चुप हो जाओं माया, दिमागी संतुलन ठीक