इस समय यूरोपीय संघ (ईयू) भारत के दौरे पर है. जिसके तहत 28 सांसदों को सरकार ने कश्मीर जाने की इजाजत दी है. सरकार के इस फैसले पर बसपा प्रमुख मायावती ने सवाल खड़े किये हैं. यह दल मंगलवार को कश्मीर जा रहा है और वहां के हालात का सीधे तौर पर जायजा लेगा.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा है कि 'जम्मू-कश्मीर में संविधान की धारा 370 को समाप्त करने के बाद वहां की वर्तमान स्थिति के आकलन के लिए यूरोपीय संघ के सांसदों को कश्मीर भेजने से पहले भारत सरकार यदि अपने देश के खासकर विपक्षी पार्टियों के सांसदों को वहां जाने की अनुमति दे देती तो यह ज्यादा बेहतर होता.जम्मू-कश्मीर में संविधान की धारा 370 को समाप्त करने के उपरान्त वहाँ की वर्तमान स्थिति के आकलन के लिए यूरोपीय यूनियन के सांसदों को जेके भेजने से पहले भारत सरकार अगर अपने देश के खासकर विपक्षी पार्टियों के सांसदों को वहाँ जाने की अनुमति दे देती तो यह ज्यादा बेहतर होता.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री की हालत गंभीर, अंतरंग अंगों में असहनीय दर्द से है पीड़ित
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यूरोपीय संघ के सांसदों के दल की नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से अलग-अलग मुलाकात हुई है. प्रधानमंत्री मोदी ने ईयू सांसदों को विस्तार से बताया है कि भारत ने अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला किन परिस्थितियों में किया और किस तरह सीमा पार से संचालित आतंकवाद से निपटने के लिए यह जरूरी हो गया था. यूरोपीय संघ के सांसदों में छह पोलैंड, छह फ्रांस, पांच ब्रिटेन, चार इटली, दो जर्मनी और एक-एक चेक, बेल्जियम, स्पेन और स्लोवाक के हैं. कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पहली बार भारत किसी विदेशी दल को कश्मीर जाने की इजाजत दे रहा है. स्पष्ट किया गया है कि यह ईयू सांसदों का आधिकारिक दल नहीं है बल्कि ये सांसद निजी तौर पर कश्मीर यात्रा पर जाएंगे.
शिवसेना ने साधा BJP पर निशाना, कहा- 'महाराष्ट्र में किसी दुष्यंत के पिता जेल में नहीं हैं..'
गिरिराज सिंह ने इस मुस्लिम नेता पर किया जबदस्त पलट वार, कहा- इस्लाम केवल बच्चा पैदा...
भाजपा का पूरा फोकस इस चुनाव पर, जातीय समीकरण को साधने का प्लान