नई दिल्ली: 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन ने भक्तों के बीच व्यापक प्रत्याशा पैदा कर दी है। हालाँकि, कांग्रेस नेता उदित राज का एक विवादित बयान अब ध्यान खींच रहा है और पार्टी के लिए चुनौतियाँ पैदा कर सकता है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह के बीच उदित राज ने ट्विटर के जरिए अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने परोक्ष रूप से राम मंदिर निर्माण की ओर इशारा करते हुए ट्वीट किया, ''मतलब पाँच सौ वर्ष बाद मनुवाद की वापसी हो रही है।''
मतलब पाँच सौ वर्ष बाद मनुवाद की वापसी हो रही है ।
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) January 1, 2024
जैसा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का लक्ष्य आम चुनावों से पहले सकारात्मक माहौल बनाना है, उदित राज की टिप्पणी विवाद पैदा करने का अवसर प्रदान करती है। अभिषेक समारोह में भाग लेने के फैसले को लेकर पहले से ही जूझ रही कांग्रेस को भाजपा की आलोचना का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, सोशल मीडिया यूज़र्स ने उदित राज को लताड़ लगाना शुरू कर दी है। उनके ट्वीट के रिप्लाई में कई यूज़र्स उनकी आलोचना कर रहे हैं, साथ ही उदित राज की इस विवादित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस हाईकमान की चुप्पी पर भी सवाल उठा रहे हैं।
पुरातन काल में भी जब यज्ञ या कुछ भी शुभ कार्य होते थे तो राक्षस विघ्न डालने आते ही थे
— Baba ka bhakt (@phirseyogibaba) January 1, 2024
वही आज कलियुग में भी तुम्हारे जैसे करते हैं
जग महुं सखा निशाचार जेते !
लक्ष्मण हनहि निमिष महुं तेते !!
तुम्हारे जैसों का इलाज भगवान ख़ुद कर देंगे
नववर्ष पर यही प्रार्थना है के सदबुद्धि मिले…
बता दें कि, उदित राज, शुरुआत में 2014 में भाजपा के टिकट पर उत्तर-पश्चिम दिल्ली से सांसद चुने गए थे, बाद में पार्टी से मतभेद के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए। उदित राज के विवादित बयान उनके राजनीतिक करियर में बार-बार आते रहे हैं। जैसे-जैसे आम चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक परिदृश्य गर्म होता जा रहा है, उदित राज का बयान विवाद का तत्व जोड़ता है, जो संभावित रूप से राम मंदिर अभिषेक कार्यक्रम के संबंध में कांग्रेस के फैसले को प्रभावित कर सकता है।
गौर करने वाली बात ये भी है कि, कांग्रेस शुरू से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के खिलाफ रही है, ये सर्वविदित तथ्य है। कांग्रेस के पीएम नरसिम्हा राव जी ने तो उस स्थान पर वापस बाबरी मस्जिद बनवाने का वादा तक कर दिया था। वहीं, मनमोहन सरकार के समय कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर श्री राम को काल्पनिक तक बता दिया था। हालाँकि, बीते 10 वर्षों से कांग्रेस सत्ता से बाहर है, इसलिए वो कुछ कर नहीं पा रही है। मुस्लिम वोट तो उसे एकतरफा मिल ही रहे हैं, लेकिन वो अकेले केंद्र की सत्ता हासिल करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं, पार्टी को हिन्दू वोट भी चाहिए होंगे। अब कुछ ही महीनों में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में कांग्रेस बहुसंख्यक समाज को नाराज़ करने का कोई रिस्क नहीं उठाना चाहती। ऐसे समय में उदित राज का बयान, कांग्रेस के प्रति बहुसंख्यकों की सोच को प्रभावित कर सकता है, जो पिछली बातें भूलकर वापस कांग्रेस के करीब जाने लगा था।
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