बढ़ती उम्र के साथ बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है. इसके लिए जरुरी है आपका समय समय पर टेस्ट करवाते रहना, ताकि आपको पता चलते रहे हैं कि आप ठीक हैं या नहीं. ऐसे में बीमारियों से बचने के लिए सचेत रहना बहुत जरूरी है. हर महिला-पुरुष को 45 की उम्र पार करते ही कुछ जरूरी शारीरिक टेस्ट करवा लेने चाहिए. आज हम यही बताने जा रहे हैं कि किन टेस्ट को आपको कारवाना चाहिए. अगर आप भी 40 से उपर हैं तो जरूर करवाएं ये टेस्ट.
बीपी, ईसीजी, इको, ईकेजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) और टीएमटी
दिल से संबंधित बीमारियों का पता लगाने के लिए ये टेस्ट कराने जरूरी हैं. 45 साल के बाद प्रत्येक पुरुष और महिला को इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम कराना चाहिए. इसके अलावा बाकी के सारे मेडिकल टेस्ट भी हर 2-3 साल में कराते रहना चाहिए.
ब्लड टेस्ट
कंप्लीट ब्लड काउंट, लीवर फंक्शन टेस्ट, फास्टिंग एवं पोस्ट प्रैंडियल ब्लड शुगर, लिपिड प्रोफाइल थायरॉइड आदि टेस्ट हर 2-3 साल में कराने चाहिए. यदि टेस्ट में कोई चीज असामान्य आती है, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.
क्यों जरूरी हैं ये टेस्ट?
इससे कई बातों का पता चलता है, जैसे- व्हाइट सेल्स, प्लेटलेट काउंट, किडनी व लीवर की स्थिति, कोलेस्ट्रॉल लेवल, थायरॉइड, एनीमिया, डायबिटीज या प्रीडायबेटिक अवस्था आदि. कोई भी असाधारण स्थिति हो, तो दवाइयों से इलाज संभव है.
बोन मिनरल डेंसिटी (बीएमडी)
ऑस्टियोपोरोसिस, हड्डी का कोई पुराना फ्रैक्चर, स्पाइनल डिफॉर्मिटी या ऑस्टियोपेनिया (बोन डेंसिटी का कम होना) से ग्रस्त महिलाओं व पुरुषों को यह टेस्ट कराने की जरूरत होती है. ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या आमतौर पर महिलाओं में अधिक होती है. 45 साल के बाद महिलाओं को हर 5 साल में यह टेस्ट कराना चाहिए और मेनोपॉज होने के हर 2 साल बाद बीएमडी टेस्ट कराना चाहिए.
यूरिन इंफेक्शन
पेशाब में संक्रमण होने पर यह टेस्ट कराया जाता है. बार-बार और लंबे समय तक यूरिन में इंफेक्शन होने से भविष्य में किडनी संबंधी बीमारी हो सकती है. उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं और पुरुषों में यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) की समस्या बढ़ने लगती है. पूरी तरह से स्वस्थ होने पर भी प्रत्येक महिला व पुरुष को हर 5 साल में यूरिन टेस्ट कराते रहना चाहिए.
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