मिर्जापुर. मिर्जापुर से एक ऐसी खबर आई है जो आपको थोड़ा सा परेशान कर देगी. सरकारी अस्पताल मे गरीबो को दी जाने वाली दवा कूड़े मे फेंक दी गई है जिसमे कुछ दवाइयां एक्सपायर हो गई किन्तु अधिकतर दवाइयों की एक्सपायरी जुलाई 2017 मे होनी है. यदि ये दवाई डस्टबिन के हवाले ना की जाती तो इससे कई लोगो की जिंदगी बच जाती.
अस्पताल के बिस्तरों पर तड़पते मरीजों का दर्द कम हो सकता था. इन दवाओं के इस्तेमाल से बुखार मे राहत मिल सकती थी किन्तु अस्पताल प्रशासन ने इसे डस्टबिन मे फेंक दिया. दवाइयां मरीजों के लिए आई थी. उन मरीजों के लिए जिनके पास बस सरकारी अस्पताल ही एक सहारा है. यह सभी सरकारी दवाइयां है जिसे बाहर इस्तेमाल न करने की हिदायत भी दर्ज है.
किन्तु यह जानना हैरानी की बात है लाखों की दवाए अस्पताल से फेंकी गई और सीएमओ साहब इससे अनभिज्ञ है जिन पर पुरे अस्पताल के देख रेख की जिम्मेदारी है. मोदी सरकार दवाओं की कीमत कम करने की घोषणा की थी, किन्तु उनके वादों और सपनो को इस तरह के अस्पताल चकनाचूर कर रहे है. इससे सिर्फ मरीज बाहर से महंगी दवा खरीदने के लिए मजबूर हो जाते है.
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