कई सामाजिक फिल्मों के कारण दर्शकों के बीच चर्चित फिल्म निर्माता मीरा नायर ने हाल ही में इंडियन फिल्म इंडस्ट्री को लेकर एक बड़ा ब्यान दिया है. उन्होंने अपने इंटरव्यू में नक्सलवाद और सेक्सिस्म को लेकर अपने विचारों को साझा किया है. इन मुद्दों पर बनने वाली फिल्मों की सेंसरशिप को लेकर खुलकर बात की है.
भारतीय मूल की अमेरिकी फिल्म निर्माता ने कहा है कि, उनके अनुसार यह बहुत ही हैरानी की बात थी कि 'बरेली की बर्फी' जैसी फिल्मों को किसी महिला ने इतने अच्छे से लिखकर उसका निर्देशन किया है. उन्होंने बताया कि जिस इंडस्ट्री में पुरुषों का बोल बाला हो, वहां महिलाओं को अपनी जगह स्थापित करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
मीरा नायर ने आगे भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव को साझा किया, और इस तरह के व्यवहार को दुर्लभ बताया. अपनी बात को जारी रखते हुए मीरा ने बताया कि दूसरी कन्ट्रीज के पास या कहें कि हॉलीवुड वालो के पास हमसे कम वुमन फ़ोर्स अवेलेबल है. यानी भारत के पास दूसरे देशों के ज्यादा फीमेल प्रोड्यूसर्स और टेक्निशंस हैं. लेकिन इसके बावजूद जिस तरह से महिलाओं को देखा जाता है, या जिस तरह का नजरिया उनके लिए रखा जाता है, उससे कही न कही भेदभाव की झलक देखने को मिलती है. मीरा ने अपनी बात को समाप्त करते हुए भारतीय सिनेमा में पितृसत्ता की बात का भी उल्लेख किया और कहा कि इससे भाई-भतीजावाद को भी बढ़ावा मिलता है.
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