लखनऊ: मेरठ क्राइम ब्रांच द्वारा गिरफ्तार सॉल्वर गैंग के सरगना जसवीर से बरामद लाल डायरी ने कई राज खोले हैं. जंहा टीम ने इस गैंग के चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि एक आरोपी की तलाश की जा रही है. यह गैंग दो साल में पांच करोड़ से ज्यादा की ठगी कर चुका है. पेपर लीक कराने से लेकर सॉल्वर से परीक्षा दिलाने और भर्ती में अभ्यर्थी की नापतौल कराने तक का ठेका यह गैंग लेता था. इस गैंग की तैयारी मेरठ में चल रही यूपी पुलिस सिपाही भर्ती में सेंधमारी की थी. क्राइम ब्रांच दो अभ्यर्थियों द्वारा भर्ती में किए गए फर्जीवाड़े से ही इस गैंग तक पहुंची. आगे जानें आखिर कैसे लाल डायरी ने इस गैंग का सारा कच्चा चिट्ठा क्राइम ब्रांच के सामने खोलकर रख दिया.
रिपोर्ट के मुताबिक यह गैंग दिल्ली, यूपी, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, बिहार समेत कई राज्यों के युवाओं को सरकारी सेवाओं में भर्ती कराने के नाम पर ठग चुका है. गैंग के सरगना जसवीर के पास से बरामद लाल डायरी में 125 से ज्यादा अभ्यर्थियों के नाम, पते, मोबाइल नंबर मिल चुके हैं. इन अभ्यर्थियों के नंबरों पर गिरोह के लोग व्हाट्एसएप कॉलिंग करते थे जिससे पुलिस या एसटीएफ कॉल नहीं सुन सके. इसमें 37 मोबाइल नंबरों की जांच हो चुकी है. जसवीर के बैंक खातों में करीब डेढ़ साल में 39 लाख रुपये से ज्यादा का लेनदेन मिल चुका है.
8 दिन में पहुंचे गैंग तक: जानकारी के लिए हम आपको बतक दें कि पुलिस लाइन में चल रही सिपाही भर्ती परीक्षा में 5 दिसंबर 2019 को नापतौल के दौरान बिहार निवासी अभ्यर्थी अनूप को फर्जीवाड़े में पकड़ा गया था. उसने 28 जनवरी को वाराणसी में हुई लिखित परीक्षा में बिहार निवासी सॉल्वर राजीव रंजन को दो लाख रुपये दिए थे. क्राइम ब्रांच ने इसकी जांच शुरू की तो नौ दिसंबर को दूसरा अभ्यर्थी नीरज निवासी फलावदा पकड़ा गया. जिसने पटना निवासी सॉल्वर शिवशरण से परीक्षा दिलाई थी. वहीं इस बात पर एसएसपी ने बताया कि डीआरडीओ पुणे में तैनात दिल्ली निवासी रामू भी इस गैंग में शामिल है.
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