वाशिंगटन. अपनी विस्तारवादी सोच के लिए दुनिया भर में बदनाम चीन पिछले कुछ महीनों से दक्षिणी एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना दबदबा बनाने की कोशिश किये जा रहा है जिस वजह से भारत और इसके अन्य पड़ोसी देशों की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही. अब इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भारत समेत चार अन्य देश एक अहम बैठक करने वाले है.
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अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने हाल ही में एक बयान जारी कर के इस बैठक की जानकारी दी है. इस बयान के मुताबिक यह बैठक आज दोपहर सिंगापुर की राजधानी सिंगापुर में में आयोजित की जायेगी और इस बैठक में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे. इस बैठक में इन चरों देशों के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी ‘‘साझा प्रतिबद्धताओं’’ पर विचार करेंगे और इसके साथ ही
इस छेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे को भी रोकने का प्रयास करेंगे.
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आपको बता दें कि पिछले कुछ महिनो से चीन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है और इस दिशा में उसने कुछ समय पहले ही पाकिस्तान और श्रीलंका के समुद्री तटों पर अपने बंदरगाहों के निर्माण की प्रकिया शुरू कर दी थी और अभी कुछ दिनों पहले ही चीन ने मालदीव्स से भी वहां की सरकार से इस द्वीप समूह में अपना बंदरगाह निर्मित करने का सौदा किया है.
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