शिलांग: केंद्र की मोदी सरकार नागरिकता कानून के जरिए पलायन कर आए लोगों को वैध करने की कोशिश में जुटी हुई है. वहीं, मेघालय इसका विरोध करता नज़र आ रहा है. मेघालय ने शुक्रवार को एक अध्यादेश जारी किया है, जिसके तहत राज्य में बाहर से आने वाले लोगों को 24 घंटे से अधिक रुकने पर रिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा. हालांकि, मेघालय ने केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों को इस नियम के दायरे से बाहर रखा है.
मेघालय डेमोक्रैटिक अलायंस कैबिनेट से मेघालय रेजिडेंट्स सेफ्टी ऐंड सिक्यॉरिटी ऐक्ट, 2016 में संशोधन को स्वीकृति मिल चुकी है. मेघालय में अवैध पलायनकर्ताओं को आने से रोकने के लिए इनर लाइन परमिट सिस्टम लाने की बात बहुत समय से चल रही थी. पहले यह कानून केवल यहां रहने वाले लोगों पर ही लागू था. दरअसल यह एक परमिट एक डॉक्युमेंट होता है जो केंद्र सरकार की तरफ से भारतीयों के लिए जारी किया जाता है.
इनर लाइन परमिट सिस्टम के तहत एक प्रोटेक्टेड एरिया में निर्धारित वक़्त के लिए रहने के लिए आवश्यक होता है. फिलहाल यह नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में लागू है. मेघालय में यह परमिट केंद्र नहीं बल्कि राज्य सरकार की तरफ से दी जाएगी. उपमुख्यमंत्री प्रेस्टोन तिनसॉन्ग ने बताया है कि यह संशोधन अध्यादेश के माध्यम से जल्द ही लागू होगा. इसे अगले सत्र में नियमित किया जाएगा.
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