श्रीनगर: आज सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 370 को खत्म करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाने के लिए तैयार है। इस बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती को सोमवार को नजरबंद कर दिया गया है। उनकी पार्टी ने इसका दावा किया है। PDP ने एक ट्वीट में कहा कि अनुच्छेद 370 पर फैसला आने से पहले पुलिस ने मुफ्ती के आवास के दरवाजे सील कर दिए थे। हालाँकि, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा ने पीडीपी के इस दावे का खंडन किया कि मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया है और इसे "निराधार" बताया।
Even before Supreme Court judgement is pronounced, Police has sealed the doors of the residence of PDP President @MehboobaMufti and put her under illegal house arrest. pic.twitter.com/Ts2T7yFMrE
— J&K PDP (@jkpdp) December 11, 2023
उन्होंने कहा कि, "यह पूरी तरह से निराधार है। जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक कारणों से किसी को भी नजरबंद नहीं किया गया है या गिरफ्तार नहीं किया गया है। यह अफवाह फैलाने का एक प्रयास है।" इस बीच, अधिकारियों ने मीडिया को बताया है कि पुलिस ने पत्रकारों को नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के श्रीनगर के गुपकर स्थित आवास के पास इकट्ठा होने की अनुमति नहीं दी है। गुपकर रोड के प्रवेश बिंदु पर पुलिस कर्मियों की एक टीम तैनात की गई थी और पत्रकारों को NC नेताओं के आवास के आसपास कहीं भी जाने की अनुमति नहीं थी।
बता दें कि, अक्टूबर 2020 में अपना आधिकारिक आवास खाली करने के बाद उमर अब्दुल्ला अपने पिता के साथ रहते हैं। जबकि फारूक अब्दुल्ला, जो श्रीनगर से संसद सदस्य हैं, मौजूदा संसद सत्र के लिए दिल्ली में हैं, उनका बेटा घाटी में है। 5 अगस्त 2019 को केंद्र के पारित होने के बाद मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला और अन्य कश्मीरी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। दरअसल, उस समय मुफ़्ती भड़काऊ बयान देते हुए कह रहीं थीं कि, यदि 370 हटाई गई, तो कश्मीर में कोई तिरंगा उठाने वाला नहीं मिलेगा, खून बहाने जैसी धमकियां दी गई थीं। नेताओं की बातों में आकर लोग न भड़कें और कानून व्यवस्था न बिगड़े, इसलिए केंद्र सरकार ने कुछ नेताओं को नज़रबंद कर दिया था।
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