बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपनी एक अलग ही छाप छोड़ने वाले महमूद अली का निधन आज ही के दिन हुआ था। उन्होंने साल 2004 में 23 जुलाई के दिन इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। महमूद ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत फिल्म 'सीआईडी' से की थी। कहा जाता है फिल्मों में आने से पहले महमूद मीना कुमारी के टेनिस कोच थे और इसी के साथ ही डायरेक्टर पीएल संतोषी के ड्राइवर भी रहे। जब महमूद छोटे थे तो उनके पिता मुमताज अली बॉम्बे टॉकीज स्टूडियो में काम किया करते थे। उस समय घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और इसी को देखते हुए महमूद ने अंडे बेचने और टैक्सी चलाने जैसे काम किए। हालाँकि बचपन के दिनों से ही महमूद का रुझान अभिनय में था और इसी के चलते बड़े होते-होते उन्होंने अभिनय सीख लिया।
उसके बाद साल 1943 में उन्हें पहली बार बॉम्बे टॉकीज की फिल्म 'किस्मत' में किस्मत आजमाने का मौका मिला था। इस दौरान अपने अभिनय से महमूद ने लोगों का दिल जीत लिया और मशहूर हो गए। उस समय के मशहूर कॉमेडियन की लिस्ट में महमूद का नाम शामिल हो गया। मीना कुमारी को टेबल टेनिस सिखाने के दौरान ही महमूद का दिल मीना कुमारी की बहन मधु पर आ गया और उन्होंने मधु को खुदकुशी की धमकी देकर उनसे शादी भी कर ली। कहा जाता है फिल्म 'बॉम्बे टू गोवा' का एक गाना था 'देखा ना हाय रे सोचा ना।।।'। इस गाने को लेकर महमूद चाहते थे कि अमिताभ इस पर नाचें लेकिन अमिताभ को नाचना ही नहीं आता था और ऐसे में उन्होंने महमूद से कहा 'भाईजान मुझसे डांस नहीं हो पाएगा, मुझे नाचना नहीं आता।'
यह सब जानने के बाद भी महमूद नहीं माने और उन्होंने कहा कि जो चल सकता है वो नाच भी सकता है और अमिताभ के लाख गिड़गिड़ाने के बाद भी महमूद ने उनसे डांस करवाया और बाद में ये गाना सुपरहिट साबित हुआ। आप सभी को बता दें कि महमूद कभी रिहर्सल नहीं करते थे, वो जो भी करते थे, फिल्मों में लाइव किया करते थे। उस दौर में महमूद को हीरो से ज्यादा पैसे मिलते हैं। अब आज महमूद इस दुनिया में नहीं है लेकिन वह हम सभी के दिलों में बसे हैं।
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