भारत सरकार— हैलो एंटीगुआ सरकार मेहुल चौकसी को वापस भारत भेजो
एंटीगुआ से— हैलो मैं मेहुल चौकसी बोल रहा हूं, एंटीगुआ को 1 हजार करोड़ दिया है, अब यहां मैं ही सरकार हूं।
भारत सरकार— हैलो ब्रिटेन सरकार विजय माल्या हमारे देश का भगोड़ा है, आप उसे वापस भेजेंगे क्या?
ब्रिटेन कोर्ट— माल्या को आप किधर रखेंगे, हमें पहले वीडियो भेजो, तब सोचेंगे?
कल हमारे एक मित्र मिले। बोले यार बैंक से लोन लिया था घर बनवाने को, किस्त भी भर रहा हूं। विदेश जाने के लिए वीजा एप्लाई किया, तो बैंक में भी जांच की गई, सब ठीक पाया गया, लेकिन पता नहीं क्यों वीजा नहीं दे रहे हैं? कह रहे हैं कि आप पर लोन है, उसे पहले चुकाइए, तब वीजा देंगे। हमने पूछा कितने का लोन लिया था, तो बोले यार 25 लाख का।
हमने कहा, तभी तो वीजा नहीं मिला। अरे कम से कम 100 करोड़ का लोन तो लेना था। जिस पर जितना ज्यादा लोन, वह उतना विश्वसनीय नागरिक। ज्यादा लोन होता, तो किसी भी देश का वीजा आसानी से मिल जाता, वहां पर जाते और वहां की नागरिकता ले लेते। थोड़ा पैसा उस देश की सरकार को दे देते। वहां की सरकार तुम्हें बचाने के लिए सारे हथकंडे अपनाती, लेकिन वापस भारत को नहीं सौंपती। मित्र बोले ऐसा कैसे? हमने कहा ऐसा ही है, भगोड़ों का नया देश है विदेश। तुम भी विदेश चले जाते और भारत सरकार प्रत्यर्पण—प्रत्यर्पण चिल्लाती रहती और तुम वहां ऐश करते। लगता है मित्र को हमारी बात जंच गई और उन्होंने 200 करोड़ के लोन के लिए एप्लाई कर दिया है और लोन मिलते ही वो विदेश को अपना देश बनाने की जुगत में हैं।
तीखे बोल
कटाक्ष: बंट रहा है ज्ञान ले लो फ्री में...