शुक्रवार को मेलानिया ट्रंप ने अपने पति डोनाल्ड ट्रंप के 16 साल की ग्रेटा थनबर्ग को लेकर की गई आलोचना को नजरअंदाज कर दिया. उन्होंने अपने प्रवक्ता के जरिए कहा कि टीनेज जलवायु कार्यकर्ता के मुकाबले उनका 13 साल का बेटा बैरन अलग श्रेणी का है. ग्रेटा जयवायु पर भाषण देने के लिए पूरे विश्व का भ्रमण करती हैं. मेलानिया ने अपने प्रवक्ता स्टेफनी ग्रिशम के जरिए एक ईमेल बयान में कहा, 'वह 13 साल का लड़का है और उसे निजता का हक है.' टाइम मैग्जीन ने ग्रेटा को पर्सन ऑफ द ईयर चुना है. जिसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने उसे लेकर टिप्पणी की थी. अमेरिका की प्रथम महिला का अपने पति के बयान को स्वीकृति देना उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों से विपरीत हैं. वह बी बेस्ट पहल के जरिए ऑनलाइन बुलिंग से निपटने और बच्चों को संवेदनापूर्ण बनने की शिक्षा देती हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि राष्ट्रपति ने गुरुवार को ग्रेटा को लेकर ट्वीट किया था, 'ग्रेटा को अपने गुस्से पर नियंत्रण करने के लिए काम करना चाहिए. इसके बाद दोस्त के साथ जाकर अच्छी सी फिल्म देखनी चाहिए.' उन्होंने टाइम मैग्जीन के ग्रेटा को पर्सन ऑफ द ईयर चुने जाने को हास्यास्पद बताया.
इसके अलावा ट्रंप ने टीनेज कार्यकर्ता का मजाक उड़ाया जो एस्पर्जर सिंड्रोम (विकास संबंधी विकार) से ग्रसित है. इससे कुछ दिन पहले ट्रंप के खिलाफ महाभियोग सुनवाई के समय प्रतिष्ठित स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी की कानून प्रोफेसर पामेला एस. कॉर्लन ने कांग्रेस पैनल के समक्ष अपनी गवाही में उनके सबसे छोटे बेटे बैरन का नाम लिया था.जिसपर मेलानिया ने आपत्ति जाहिर की थी. मेलानिया ने अपने ट्वीट में नाराजगी जताते हुए लिखा कि उनके बेटे को निजता का अधिकार है और उन्हें राजनीति से अलग रखना चाहिए. दरअसल, मामले की सुनवाई के दौरान पामेला कॉर्लन सबूत पेश कर रही थीं. उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि राष्ट्रपति अपने बेटे का नाम तो बैरन रख सकते हैं लेकिन उसे बैरन (नवाब) नहीं बना सकते हैं.
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