नई दिल्ली: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पार्टी का दामन थामने से इनकार कर दिया है। पिछले 15 दिनों से अटकलें चल रही थीं कि प्रशांत किशोर की एक बार फिर से कांग्रेस में एंट्री तय है। गत वर्ष भी PK के कांग्रेस का दामन थामने की चर्चाएँ खून चली थीं, मगर अचानक पीके कांग्रेस नेतृत्व और पार्टी की कार्यशैली की आलोचना करने लगे। तब तक ये माना जाने लगा था कि उनके लिए कांग्रेस के दरवाजे बंद हो चुके हैं।
हालांकि, अब प्रशांत किशोर की तरफ से कांग्रेस को दिए गए झटके के रूप में मीमर्स को बहुत ही बड़ा हथियार और जबर्दस्त विषय मिल गया है, जिसे लेकर स्वदेशी सोशल मीडिया मंच Koo ऐप पर कांग्रेस की जमकर किरकिरी हो रही है। अपनी एक पोस्ट में एक मीमर ने कहा है:
इसके बाद, एक अन्य पोस्ट में मीमर ने कू करते हुए कहा है:
वहीं, एक अन्य पोस्ट में भी मीमर ने कांग्रेस की टांग-खिंचाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, जिसमें कहा गया है:
बता दें कि इस बार कांग्रेस में प्रशांत किशोर की एंट्री तय मानी जा रही थी। खुद पीके भी कांग्रेस के लिए काम करने को लेकर बेचैन नज़र आ रहे थे। यहाँ तक कि PK ने कांग्रेस को फिर से खड़ा करने का खाका भी तैयार कर रखा था। उन्होंने, कांग्रेस हाईकमान के सामने 600 स्लाइड्स में इसका एक पावर पॉइंट प्रजेंटेशन भी पेश किया, मगर इस बार भी बात अटक गई। सारे दाँव और पेच 2 स्लाइड्स में फंस गए। दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा चुनाव की तैयारी और पार्टी के सामने जो सियासी चुनौतियाँ हैं, उससे निपटने के लिए एक 'एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप 2024' बनाया गया है। कांग्रेस ने पीके को इसी एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप में शामिल होने का निमंत्रण दिया था। यानी उन्हें कांग्रेस के चुनिंदा नेताओं के एक ताकतवर समूह के साथ मिलकर काम करने का ऑफर दिया गया था।
जाहिर है, प्रशांत किशोर खुद के लिए जिस तरह की आज़ादी चाहते थे, वह उन्हें नहीं मिल रही थी। PK तो चाहते थे कि पार्टी उनकी बनाई रणनीतियों के अनुसार चले, मगर यहाँ तो उनसे यह उम्मीद की जा रही थी कि वह कांग्रेस के कुछ चुनिंदा नेताओं के एक समूह के साथ मिलकर रणनीति तैयार करें। समूह के सभी नेताओं की जिम्मेदारियाँ भी पहले से तय रहेंगी। लिहाजा बात नहीं बनी और PK तथा कांग्रेस के रास्ते फिर एक होते-होते अलग हो गए।
दो स्लाइड्स का माजरा क्या है??
आखिर वो कौन-सी दो स्लाइड्स थीं, जिसको लेकर पेंच फंस गया? एक स्लाइड में प्रशांत किशोर ने प्रियंका गांधी वाड्रा को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की सलाह दी थी। कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने दावा किया कि PK चाहते थे कि PM उम्मीदवार और पार्टी अध्यक्ष दो अलग-अलग व्यक्ति हों। वह, प्रियंका वाड्रा को अध्यक्ष बनाना चाहते थे, जबकि पार्टी राहुल गांधी को फिर से कमान सौंपना चाहती है। दूसरी स्लाइड वो थी जिसमें पीके ने गठबंधन को लेकर कांग्रेस को सुझाव दिए थे। किशोर चाहते थे कि कांग्रेस बिहार, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में अपने पुराने सहयोगियों से अलग हो जाए। लेकिन कांग्रेस को PK के ये सुझाव पसंद नहीं आए और दोनों में डील फाइनल नहीं हो सकी।
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