हर साल 28 मई को Menstrual Hygiene Day मनाया जाता है जिसमें महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाई जाती है. अगर पीरियड्स के दौरान इन बातों का ध्यान नहीं दिया गया तो कई बड़ी बीमारी हो सकती हैं. आइये जानते हैं उनके बारे में.
* यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन- पीरियड्स के दौरान गंदे कपड़े या फिर चार घंटे से ज्यादा समय तक सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करने से हानिकारक बैक्टीरिया पैदा हो सकते हैं जो यूरीनरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं.
* जननांगों में चकत्ते व एलर्जी- पीरियड्स के दौरान एक ही पैड को घंटों तक इस्तेमाल करने की वजह से प्राइवेट पार्ट की त्वचा में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जिसके चलते जननांगों में चकत्ते हो सकते हैं. पीरियड्स के दौरान एलर्जी या चकत्ते से बचने के लिए 4-6 घंटे में पैड बदलें.
* रिप्रोडक्टिव पार्ट में इंफेक्शन- पीरियड्स के दिनों में हाइजीन की कमी से रिप्रोडक्टिव पार्ट में इंफेक्शन की शिकायत हो सकती है, इसलिए स्वच्छता का ख्याल रखना बेहद जरूरी है. दरअसल, इन संक्रमणों के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया प्रजनन मार्ग पर हमला कर देते हैं, जिससे गर्भाशय की दीवार, अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब को नुकसान पहुंच सकता है.
* सर्वाइकल कैंसर का खतरा- सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैविलोमा वायरस के कारण महिलाओं के गर्भाशय में होने वाला कैंसर है. यह वायरस यौन संचारित होता है, इसलिए अगर मासिक धर्म में हाइजीन मेंटेन नहीं किया गया तो यह संक्रमण आसानी से फैल सकता है.
इससे बचने के लिए करें ये उपाय
* हर 4-6 घंटे में बदले पैड
मासिक धर्म के दौरान हाइजीन का सही तरीके से ख्याल रखने के लिए हर 4-6 घंटे में सैनिटरी पैड बदलें. ज्यादा देर तक एक ही पैड का इस्तेमाल करने के कारण प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन और दुर्गंध की समस्या हो सकती है.
* प्राइवेट पार्ट की सफाई
मासिक धर्म के दौरान हाइजीन को बरकरार रखने के लिए नियमित रूप से अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई करें. ऐसा करने पर प्राइवेट पार्ट से आनेवाली दुर्गंध दूर होती है साथ ही खतरनाक संक्रमण से भी बचाव होता है.
* गर्म पानी से स्नान
पीरियड्स के दौरान गर्म पानी से स्नान करना महिलाओं के लिए अच्छा माना जाता है. इससे महिलाओं को पीरियड्स के दर्द से राहत मिलती है और शरीर की थकान भी दूर होती है. गर्म पानी से स्नान करने से संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया का भी खात्मा होता है.
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