मासिक धर्म के दौरान हर लड़की का अनुभव अलग होता है. कुछ को ज्यादा दर्द होता है कुछ को कम. ऐसी भी कई लड़कियां है जो कुदरत को कोसने लगती है, आखिर क्यों उन्हें पीरियड्स आते है और ये तकलीफ देते है. वास्तव में इन पीरियड्स के जरिये ही कुदरत किसी महिला को एक नई जान को जन्म देने के लिए तैयार करती है. उसे और मजबूत बना रही होती है, जिससे कि वह भविष्य में होने वाले प्रसव पीड़ा के दर्द को बर्दाश्त कर सके.
एक ऑस्ट्रेलियन वीमेंस वेबसाइट में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, पीरियड्स में होने वाले दर्द से लेबर पेन का अनुमान लगाया जा सकता है. शुरुआत के कुछ पलों में पीरियड्स और प्रसव का दर्द एक जैसा ही होता है. अंतर बस इतना है कि प्रसव के दौरान वह दर्द बढ़ जाता है.
पीरियड्स के दर्द में सर्विक्स का मुँह 1 सेंटीमीटर खुलता है किन्तु प्रसव के दौरान मुँह 10 सेंटीमीटर तक खुल जाता है. इस कारण बच्चा आसानी से बाहर आ जाता है. इस जानकारी से वह लड़कियां जरूर खुश होगी जिन्हें मासिक धर्म के दौरान दर्द नहीं होता क्योकि उन्हें भविष्य में लेबर पेन के चांसेज भी कम होते है.
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