'भारत में विलय..', गिलगित-बाल्टिस्तान में फिर उठी मांग, सड़कों पर उतरे सैकड़ों पाकिस्तानी

'भारत में विलय..', गिलगित-बाल्टिस्तान में फिर उठी मांग, सड़कों पर उतरे सैकड़ों पाकिस्तानी
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इस्लामाबाद: इस्लामी मुल्क पाकिस्तान के ईशनिंदा कानूनों के तहत शिया धर्मगुरु आगा बाकिर अल-हुसैनी की गिरफ्तारी के विरोध में हजारों शिया मुस्लिम, गिलगित-बाल्टिस्तान की सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारी कथित तौर पर पाकिस्तानी प्रशासन को धमकी दे रहे हैं कि अगर उनके नेता को रिहा नहीं किया गया, तो वे भारत में विलय की मांग तेज कर देंगे। बता दें कि, गिलगित-बाल्टिस्तान में भारत में विलय की मांग बीते काफी समय से उठ रही है। 

सूत्रों के अनुसार, गिलगित-बाल्टिस्तान में लोग विकास में "पिछड़ जाने" और "सुविधाओं की कमी" का रोना रो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है, "हमें छोटी-छोटी चीज़ों के लिए अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है।" भारत में सरकारी सूत्रों ने आतंक को बढ़ावा देने और बम बनाने और आतंकी कैडरों को प्रशिक्षण देने पर भारी मात्रा में पैसा खर्च करने के लिए पाकिस्तानी प्रशासन की आलोचना की है। उनका कहना है कि अब समय आ गया है कि पाकिस्तानी अधिकारी आवाजें स्वीकार करें और कश्मीर को खाली कर दें, जिस पर उन्होंने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।

अधिकारीयों का कहना है कि, “जिहाद लोगों के जीवन में प्रगति नहीं ला सकता। इसकी तुलना जम्मू-कश्मीर से करें जहां लोग विकास से खुश हैं।” बता दें कि, आगा बाकिर अल-हुसैनी पर स्कर्दू में उलेमा परिषद की बैठक में उनकी टिप्पणी के लिए मामला दर्ज किया गया था, जो कथित तौर पर शिया समुदाय को निशाना बनाने के लिए ईशनिंदा कानूनों को सख्त बनाने पर चर्चा करने के लिए आयोजित की गई थी। उल्लेखनीय है कि, पाकिस्तान एक सुन्नी बहुल देश है और देश में शिया भी अच्छी-खासी संख्या में मौजूद हैं। गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र को तीन भागों में बांटा गया है - बाल्टिस्तान, डायमर और गिलगित। मुख्य प्रशासनिक केंद्र गिलगित और स्कर्दू हैं। 

पाकिस्तानी दैनिक डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों द्वारा पूरे क्षेत्र में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि सुन्नी मौलवी के खिलाफ उनकी टिप्पणियों के लिए सिटी पुलिस स्टेशन गिलगित में एक एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि एक प्रमुख शिया मौलवी के खिलाफ स्कर्दू में एक और एफआईआर पहले ही दर्ज की जा चुकी है।  सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक पोस्ट साझा करने के आरोप में क्षेत्र ने दो पुलिस कर्मियों और एक स्कूल शिक्षक को निलंबित कर दिया है। विवादित पोस्ट करने के आरोप में 12 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।

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