मैदान पर नतीजा चाहे जो हो लेकिन अर्जेंटीना के लिए यह वर्ल्ड कप खास है। लियोनेल मेस्सी का यह आखिरी वर्ल्ड कप है और डिएगो माराडोना के देहांत के उपरांत अर्जेंटीना टीम का पहला वर्ल्ड कप है। अर्जेंटीना के सबसे बड़े फुटबॉल खिलाड़ी माराडोना का 2 वर्ष पहले 25 नवंबर को उनका देहांत हो गया था। अर्जेंटीना के फुटबॉलप्रेमियों के लिये खुदा का दर्जा रखने वाले माराडोना 1982 के उपरांत से हर विश्व कप में दिखाई दिए ।
बता दें कि कभी खिलाड़ी के रूप में, कभी कोच के रूप में तो कभी प्रशासक के तौर पर । वर्ल्ड कप 2022 से पहले अर्जेंटीना और कतर में माराडोना को श्रृद्धांजलि भी दी गई है। FIFA के अध्यक्ष जियानी इंफेंटिनो ने शुक्रवार को माराडोना की आदमकद प्रतिमा के अनावरण के मौके पर बोला है,‘‘डिएगो अमर है । वह अभी भी हमारे साथ है।'' उन्होंने बोला है,‘‘लोगों को फुटबॉल से मुहब्बत करना सिखाने वाले इस खिलाड़ी ने जो किया, कोई और नहीं कर सका।'' अपना 5वां वर्ल्डकप खेल रहे मेस्सी ने टूर्नामेंट से पहले फीफा से बोला था कि माराडोना की गैर मौजूदगी अजीब है और उन्हें देखकर लोगों का पागलपन भी इस बार देखने को नहीं मिलने वाला है।
उन्होंने बोला है कि वह महसूस करते हैं कि माराडोना कहीं न कहीं हैं। माराडोना की कप्तानी में अर्जेंटीना ने 1986 विश्व कप जीता था। उसी टूर्नामेंट में उन्होंने इंग्लैंड के विरुद्ध ‘ हैंड आफ गॉड' गोल किया था जो टूर्नामेंट के इतिहास का महानतम लेकिन सबसे विवादित गोल कहा जा रहा है ।
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