ये बात 17 अक्तूबर 2004 की है। स्पेन में बार्सिलोना और एस्पेनयोल क्लब के मध्य ला लिगा (स्पेन में फुटबॉल लीग का नाम) का मैच खेला जा रहा था। मुकाबले के 82वें मिनट में दिग्गज खिलाड़ी डेको को सब्सीट्यूट करने का निर्णय किया। उनके स्थान पर बार्सिलोना ने एक 17 साल के फुटबॉलर को मैदान पर भेज दिया। उस समय किसी को हैरानी नहीं हुई। यह खिलाड़ी बार्सिलोना की जूनियर टीमों में हंगामा भी मचा हुआ था। सबको यह देखना था कि पहले सीनियर मैच में वह कैसा प्रदर्शन करता है। उसे कुछ ही मिनट खेलने को मिले, लेकिन सबने यह देख लिया कि फुटबॉल को एक नया सितारा भी मिल चुका था। उसने बार्सिलोना क्लब के इतिहास में ही नहीं, बल्कि फुटबॉल इतिहास में अपने नाम को सुनहरे अक्षरों में लिख डाला वह आज सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में एक कहा जाता है। उसका नाम लियोनल आंद्रेस मेसी है। मेसी शनिवार (24 जून) को 36 साल के हो चुके है।
बता दें कि अर्जेंटीना के महान क्रांतिकारी नेता चे ग्वेरा के शहर रोजारियो में जन्मे मेसी के फुटबॉलर बनने की कहानी भी रोचक है। जब मेसी 13 वर्ष के थे तब बार्सिलोना की नजरों में आए। दरअसल, बार्सिलोना फुटबॉल क्लब प्रतिभावान खिलाड़ियों के लिए 'टैलेंट हंट प्रोग्राम' का आयोजन हुआ था। तभी मेसी के पिता को कहीं से इस बात की खबर लगी और उन्होंने बार्सिलोना FC से संपर्क किया। फुटबॉल क्लब बार्सिलोना के स्पोर्टिंग निदेशक कार्लेस रेक्सैक ने मेसी की प्रतिभा के खूब चर्चे भी थे।
उन्होंने लियोनेल मेसी के साथ इस शर्त पर कॉन्ट्रैक्ट साइन कर दिया वह अपने परिवार के साथ स्पेन में ही आकर रहने वाले है। सबसे खास बात यह रही कि मेसी के साथ करार साइन करते वक्त जब कार्लेस रेक्सैक को आस-पास कोई कागज नहीं मिला, तो उन्होंने मेसी से नैपकिन पर ही कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाने का सोच लिया।
परिवार की हालत उतनी अच्छी नहीं थी। उनके पिता कारखाने में काम करते थे और मां क्लीनर का काम करती थी। मेसी बौनेपन के भी शिकार थे। हालत इतनी गंभीर थी कि इलाज के लिए पैसे भी नहीं होते थे। यहां तक कि जब वो ट्रायल देने गए थे तब भी लोगों ने उनका जमकर मजाक उड़ाया था। इसके बावजूद उन्होंने खुद को कम नहीं आंका और अपनी प्रतिभा के दम पर नाम कमा चुके है।
इतना ही नहीं मेसी को बार्सिलोना क्लब से बहुत प्यार है। वह 2004 से 2021 तक इस टीम के साथ खेले। 2021 में भी क्लब नहीं छोड़ना चाह रहे थे, लेकिन अंत समय में जब बार्सिलोना आर्थिक रूप से कोई रास्ता नहीं निकाल पाया तो मेसी को रोते हुए क्लब से बाहर जाना पड़ गया। मेसी ने बार्सिलोना के लिए रिकॉर्ड का अंबार लगा दिया। उन्होंने 778 मैच में 672 गोल भी दाग दिए ।
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