लखनऊ। उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी की चुनावी हार हो जाने के बाद अब तरह तरह की बातें कही जा रही हैं। ऐसे में मैट्रो रेल प्रोजेक्ट्स को लेकर भी जानकारी सामने आई है। यह कहा गया है कि जिस किसी भी पार्टी ने सत्ता में रहते हुए इन प्रोजेक्टस का शिलान्यास किया वह अगली बार सत्ता में नहीं आ सकी। सभी स्थानों पर इस तरह के संयोग देखने को मिले। कहा जा रहा है कि कोलकाता मैट्रो, बेंगलुरू, मुंबई, जयपुर मैट्रो प्रोजेक्ट आदि स्थलों पर इस तरह का संयोग देखने को मिला।
उत्तरप्रदेश में लखनऊ मैट्रो का शुभारंभ तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था लेकिन इसके बाद विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी दुबारा नहीं आ सकी। ऐसी ही बात नोएडा को लेकर भी मानी जाती है। माना जाता है कि जो भी मुख्यमंत्री नोएडा गया वह दुबारा सत्ता में वापस नहीं आया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने कार्यकाल में एक बार भी नोएडा नहीं गए।
बेंगलुरू में मैट्रो रेल सेवा का शिलान्यास कार्यक्रम कांग्रेस सरकार द्वारा वर्ष 2006 में किया गया था। मगर 20 अक्टूबर 2011 को इस रेल प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया गया। मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली मैट्रो रेल काॅर्पोरेशन का गठन मई 1995 में हुआ था। इस रेल प्रोजेक्ट का कार्य 1998 को हुआ।
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी। दिल्ली में 1998 में दिसंबर माह में शीला दीक्षित के तौर पर प्रदेश को कांग्रेस नेतृत्व मिला उन्होंने 25 दिसंबर 2002 को दिल्ली की पहली मेट्रो रेल का शुभारंभ किया। जयपुर मैट्रो पर 13 नवंबर 2010 को काम किया गया। 18 सितंबर 2013 को कांग्रेस की सरकार में सीएम अशोक गेहलोत ने इस रेल सेवा का लोकार्पण किया था। महाराष्ट्र में कांग्रेस की विलासराव देशमुख सरकार ने मैट्रो रेल प्रोजेक्ट का लोकार्पण कर काम पूर्ण करवाया मगर इसके बाद कांग्रेस सत्ता में वापस नहीं आ सकी।
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