विशाखापट्टनम: इन दिनों महानगर के मार्गों पर मेट्रो रेल दौड़ाने के लिए काम को स्पीड मिल चुकी है. जी दरअसल सरकार ने यूएमटीसी संस्था को लाइट मेट्रो और ट्राम कॉरिडोर की डीपीआर करने की जिम्मेदारी दे दी है. इसी के साथ बताया जा रहा है योजना की लागत का प्रस्ताव मेट्रो रेल कॉरपोरेशन बनाने में लगा हुआ है. ऐसी भी खबरें हैं कि 'लाइट मेट्रो रेल कॉरिडोर बनाने में एक किमी के लिए 200 करोड़ रुपये लागत लगेगी.' जी दरअसल ट्राम कॉरिडोर के लिए 100 से 120 करोड़ रुपये लागत आने की संभावना जताई है.
इसी के साथ महानगर में किस समय कितना ट्रैफिक रहता है, इसे देखकर ध्यान में रखकर उसी दिशा में मेट्रो कॉरिडोर का रूट मैप बनाकर तैयार किया जा रहा है. जी दरअसल विशाखापट्टनम में साल 2050 तक होने वाले बदलाव और बढ़ने वाली यातायात के मद्देनजर डीपीआर बनाने की तैयारी है. इसी के साथ सरकार ने अप्रैल और मई तक के दो डीपीआर डीपीआर की संस्था को जिम्मेदारी दे दी है. खबरों के मुताबिक 6 महीने के अंदर ही काम पूरा करने की समयसीमा संस्था को दे दी गई.
इसके अलावा प्रदेश में कोरोना संक्रमण का प्रभाव होने पर लॉकडाउन के चलते डीपीआर का काम यूएमटीएस ने शुरू करने में देरी की. इसी को लेकर सरकार ने संस्था को समयावधि बढ़ाकर दी है. आप सभी को हम यह भी बता दें कि लाइट मेट्रो से जुड़ा डीपीआर नवबंर के आखिरी में और ट्राम कॉरिडोर से जुड़ा हुआ डीपीआर दिसंबर के आखिरी तक पूरा करने का यूएमटीसी का प्रस्ताव सरकार ने स्वीकार कर लिया है.
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