जालंधर: आतंकी जाकिर मूसा के निशाने पर पुलिस के बाद इस बार सेना के हथियारों का जखीरा है। जानकारी के अनुसार बता दें कि केंद्रीय खुफिया एजेंसी के इनपुट के बाद पंजाब पुलिस के साथ सेना भी अलर्ट हो गई है। वहीं बता दें कि इसमें मूसा का साथ खालिस्तान आतंकियों के अलावा सरहदी इलाकों के बड़े नशा तस्कर भी दे रहे हैं। यही वजह है कि फिरोजपुर व बठिंडा में तीन दिन के सर्च ऑपरेशन के बाद भी मूसा की मौजूदगी का पता पुलिस को नहीं चल पाया है।
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वहीं बता दें कि मालवा में बठिंडा व फिरोजपुर को मूसा ने इसीलिए निशाने पर लिया है, क्योकि वहां सेना की बड़ी छावनी हैं। इसकी भनक भी खुफिया एजेंसियों को है। सेना अपने स्तर से बीएसएफ के साथ अलर्ट पर है। इसके साथ ही बता दें कि कश्मीर में आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद जाकिर मूसा ने उसकी जगह ली थी। करीब छह महीने तक कश्मीर में पढ़े-लिखे युवाओं को अपने साथ जोड़ने के बाद मूसा ने अलकायदा, जैश-ए-मोहम्मद और आईएसआई की मदद से अपना आतंकी संगठन अंसार गजावत-उल-हिद तैयार किया।
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गौरतलब है कि इसके बाद खालिस्तानी आतंकियों से हाथ मिलाया। सीमा पार पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गोपाल चावला व हैप्पी पीएचडी सहित कई बड़े आतंकियों की बैठक के बाद रेफरेंडम 2020 से पहले पंजाब में आतंक फैलाने की जिम्मेवारी मूसा को सौंपा गई। वहीं बता दें कि मूसा ने अपने स्लीपर सेल के युवा आतंकियों को इसीलिए फंडिग करके पंजाब व दिल्ली के शिक्षण संस्थानों में दाखिला करवा कर उन्हें छिपा दिया है।
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