श्रीकाकुलम : आप सभी जानते ही हैं कि इस समय पूरे विश्व में कोरोना ने कोहराम मचा रखा है. ऐसे में रोजगार के लिए विदेश गये लोग कोरोना संक्रमण के चलते विदेशों में ही फंसे रह गये. वहीं इस समय उन्हें कई मुसीबतों को सामना करना पड़ रहा है जो असहनीय है. इस समय उनकी समस्या के बारे में वह किसे बताए यह उन्हें समझ नहीं आ रहा है. हाल ही में मिली जानकारी के मुताबिक आंध्र प्रदेश में श्रीकाकुलम जिले के संताबोम्माली मंडल के गद्देलापाडू, पिट्टावागनीपेट, गोलुगुवानीपेट, एम सुन्नापल्ली, वज्रापुकोत्तुरु मंडल के देवनाल्ताड, पोलाकी मंडल के गप्पेडुपेट के लगभग 200 लोग वर्ष 2018 में विदेश गए हुए थे.
वहीं वेल्डिंग और रिग्गर का काम करते हुये सभी कुछ बचत करने में लगे हुए थे. इसी बीच कोरोना संक्रमण आ गया और इस कारण उनका सबकुछ तहस-नहस हो गया. वहीं मिली जानकारी के मुताबिक कोविड संक्रमण के चलते कुवैत में निजी कंपनियों ने काम रोक दिया. इसी के साथ ऐसा भी बताया गया कि बीते तीन महीने से उन्हें कोई काम और वेतन नहीं मिल रहा है. इसके अलावा कंपनी केवल उन्हें खाना दे रही है और काम नहीं होने की बात करते हुये पल्ला झाड रही है.
इसी के साथ उन मजदूरों का कहना है कि उनके पास मौजूद पैसे भी खत्म हो गये हैं. जी दरअसल इस दौरान वह अपने माता-पिता को भी पैसे नहीं दे पा रहे हैं. उनका कहना है परिवार के पालन पोषण के लिए रोजगार की तलाश में वह सभी विदेश गए थे और विदेश में उनका ऐसा हाल हो रहा है. आप सभी को हम यह भी बता दें कि उन सभी प्रवासी कर्मचारियों ने कंपनी मालिक को स्वदेश भेजने की प्रार्थना भी की लेकिन वहां की सरकार ने इस बारे में असमर्थता जता दी है.
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