लखनऊ: योगी सरकार के कारागार राज्यमंत्री जेके सिंह 'जैकी' ने नेताओं की नई परिभाषा दे दी है. वहीं उनका कहना है कि नेता को पढ़े-लिखे होने की जरूरत नहीं है. समाज में पढ़े-लिखे लोग गलत तरीके का माहौल पैदा करते हैं. जंहा बीते मंगलवार यानी 28 जनवरी 2020 को सीतपुर जिले के महमूदाबाद में सेठ राम गुलाम इंटर कॉलेज में अपने बच्चों को संबोधित कर रहे थे. जंहा राज्यमंत्री ने बच्चों से कहा कि 'लीडर को पढ़ा-लिखा होने की जरूरत नहीं है. वहीं मैं मंत्री हूं, मेरे पास निजी सचिव होता है, स्टाफ होता है, विभाग होता है, उसके विभागाध्यक्ष होते हैं. जेल मुझे नहीं चलानी है, जेल तो जेल अधीक्षक को चलानी है. जेलर बैठते हैं, उन्हें चलानी है. मुझे जेल में यह देखना है कि खाना अच्छा बनना चाहिए. जेल का प्रबंध अच्छा होना चाहिए.'
जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि राज्यमंत्री ने आगे कहा कि 'नेता विजनरी होना चाहिए. नेता के ज्ञान का उसकी डिग्री से कोई मतलब नहीं है. अगर मैंने कहा है कि आईटीआई बनना है, तो यह काम इंजीनियर का है कि वो कैसे बनेगा.' मंत्री ने कहा, आईएएस, आईपीएस जब आपस में बैठते हैं तो कहते हैं कि फला विधायक हाईस्कूल पास है, वो इंटर पास है उसको कुछ आता नहीं है. बिना पढ़े लोग पढ़े-लिखे लोगों को चलाते हैं. जंहा मंत्री ने कहा कि समाज मे पढ़े लिखे लोगों ने ही गलत माहौल पैदा कर रहे हैं.
#WATCH Sitapur: UP Minister for Jail, JK Singh Jaiki says, "Neta koi padha likha ho, iski usko avashyakta nahi, main mantri hun mere paas niji sachiv hota hai, staff hota hai...jail mujhe thodi chalani hai, jail ke adhikshak baithe hain, jailor baithe hain,unhe chalani hai"(28.1) pic.twitter.com/DlXqCofAvI
ANI UP January 29, 2020
जंहा यह भी कहा जा रहा है कि कारागार राज्यमंत्री बच्चों से कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ क्या बनाना है, ये पहले ही तय करना चाहिए. इससे बच्चों को अपना लक्ष्य प्राप्त करने में आसानी रहती है. उन्होंने बच्चों को अपने बारे में बताया कि बचपन में पढ़ाई के दौरान उन्होंने भी अपना टॉरगेट फिक्स किया था, कि उन्हें नेता बनना है. इसलिए पढ़ाई के समय से ही वह लीडरशिप में शामिल रहते थे. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में सीएए के संबंध में कहा, सपा, बसपा, कांग्रेस या जो भी राजनीतिक दल विरोध कर रहे हैं. वहीं उनको इस कानून को समझना चाहिए.
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