जयपुर। भारत में लिव इन रिलेशनशिप को लेकर प्रारंभ से ही बवाल मचा रहता है। हालांकि बावजूद इसके देश के महानगरों में और अन्य शहरों में लिव इन में रहा करते हैं। हालांकि इस पर तरह तरह के बयान आते रहे हैं। अब राज्य महिला आयोग की अध्य क्ष सुमन शर्मा ने लिव इन रिलेशनशिप को लेकर बयान दिया। इस बयान पर जमकर बवासल मचा है। राज्य में महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने लिव इन रिलेशनशिप को समाज को नष्ट करने वाला कहा है।
मंत्री अनिता भदेल ने कहा है कि लिव इन रिलेशनशिप के नाम पर लोग एक साथ रहते हैं। जब उनसे संतान होती है तो वह संतान अपने माता पिता के बारे में नहीं जान पाती। ऐसे में बच्चों को लेकर कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेता है। यह पद्धति हिंदू संस्कृति को नष्ट कर देगी। हमारी संस्कृति में विवाह संस्था को माना जाता है परिवार को माना जाता है। महिलाओं द्वारा पुरूषों का त्याग करना और पुरूषों हेतु महिलाओं को त्याग करना हमारी संस्कृति में नहीं है यह पश्चिम की आम बात है।
हमारे यहां विवाह एक कानून ही तो है। कहने को यह एक धार्मिक संबंध है लेकिन पंडित के सामने सात फेरे लेना व्यवहारिक कानून ही है। लिव इन रिलेशनशिप का सबसे बुरा असर महिला और बच्चों पर पड ़ता है। दूसरी ओर पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता शर्मा ने बताया कि पत्नी होने पर दूसरी महिला के साथ रहना गलत है मगर लिव इन रिलेशनशिप में रहना बुरा नहीं है।
महिलाओं और पुरूषों पर इस तरह के सामाजिक नियम थोपना गलत है। आदिकाल से भारत में लोग लिव इन रिलेशन शिप में रहते आए हैं। जिसे कानूनन मान्यता है उसका विरोध नहीं किया जाना चाहिए। महिलाओं को बिंदी लगाने और बच्चे संभालने की बातें करने वालों को यह भी जानना चाहिए कि महिलाऐं सेना में भी अपना योगदान दे रही हैं।
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