वित्त मंत्रालय ने 9 अगस्त को राज्यों को 9,871 करोड़ रुपये के पोस्ट डिवोल्यूशन रेवेन्यू डेफिसिट (पीडीआरडी) अनुदान की अपनी पांचवीं मासिक किस्त जारी की है। इस किस्त के जारी होने के साथ ही चालू वित्त वर्ष में पात्र राज्यों को पोस्ट डिवोल्यूशन रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट (पीडीआरडी) के रूप में कुल 49,355 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत राज्यों को हस्तांतरण के बाद राजस्व घाटा अनुदान प्रदान किया जाता है। राज्यों के राजस्व खातों में अंतर को पूरा करने के लिए मासिक किश्तों में पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार अनुदान जारी किया जाता है।
आयोग ने 2021-22 के दौरान 17 राज्यों को पीडीआरडी अनुदान की सिफारिश की है। इस अनुदान को प्राप्त करने के लिए राज्यों की पात्रता और अनुदान की मात्रा का निर्धारण आयोग द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए निर्धारित हस्तांतरण को ध्यान में रखते हुए राज्य के राजस्व और व्यय के आकलन के बीच के अंतर के आधार पर किया गया था। पंद्रहवें वित्त आयोग ने रुपये के कुल पोस्ट हस्तांतरण राजस्व घाटा अनुदान की सिफारिश की है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 17 राज्यों को 1,18,452 करोड़ रुपये। इसमें से अब तक 49,355 करोड़ रुपये (41.67 फीसदी) की राशि जारी की जा चुकी है।
पंद्रहवें वित्त आयोग द्वारा पीडीआरडी अनुदान के लिए अनुशंसित राज्य हैं: आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल भी शामिल है।
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