भारत की मौजूदा सरकार ने सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों को अपनी डायरी और कैलेंडर का प्रकाशन बंद करने का आदेश दिया है. इससे धन की फिजूलखर्ची होती है. इसके स्थान पर सूचना एवं प्रसारण विभाग की तरफ से प्रकाशित डायरी व कैलेंडरों का इस्तेमाल किया जा सकता है. फिजूलखर्ची के साथ-साथ इससे पेड़ों को भी काफी नुकसान होता है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने पिछले महीने मंत्रालयों का नेतृत्व कर रहे सभी संबंधित सचिवों को नए आदेश का कड़ाई से अनुपालन करने का निर्देश दिया था. इस संबंध में लिखे गए पत्र में कहा गया है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत ब्यूरो ऑफ आउट्रीच एंड कम्युनिकेशन (बीओसी) की जिम्मेदारी सरकारी कैलेंडर एवं डायरी का प्रकाशन कर मंत्रालयों, विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को सशुल्क उपलब्ध कराने की है.
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इस मामले को लेकर शीर्ष नौकरशाह ने लिखा, 'हालांकि, यह देखा गया है कि विभिन्न मंत्रालय, विभाग, सार्वजनिक उपक्रम एवं उनके प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत आने वाले संगठन बीओसी की ओर से की गई आपूर्ति के अलावा कैलेंडर, डेस्क कैलेंडर और डायरी का प्रकाशन कर रहे हैं. इससे दोहराव हो रहा है और पैसे की फिजूलखर्ची हो रही है.' ऐसे में हो सकता है कि आपको विभिन्न मंत्रालयों की अलग-अलग डायरी और कैलेंडर आने वाले सालों में न दिखाई दें.
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