नई दिल्ली: 'आत्मनिर्भर भारत' को बढ़ावा देने का प्रयास करते हुए, भारतीय नौसेना ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के साथ मिलकर 21 नवंबर को सीकिंग 42बी हेलीकॉप्टर से पहली स्वदेशी रूप से विकसित नौसेना एंटी-शिप मिसाइल का निर्देशित उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक कर लिया है। इससे पहले अक्टूबर में, रिपोर्ट आई थी कि DRDO बहुप्रतीक्षित लंबी दूरी की एंटी-शिप मिसाइल (LRASM) का परीक्षण करने के लिए पूरी तरह तैयार है, जो नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाएगी, खासकर विस्तारित रेंज के साथ जहाज-आधारित मिसाइल प्रणालियों के क्षेत्र में ये मार्क सिद्ध होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मिसाइल की मारक क्षमता 500 किलोमीटर हो सकती है, जो सुपरसोनिक इंडो-रूसी क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस द्वारा दी गई 350-400 किलोमीटर की रेंज से अधिक है। इससे पहले मई 2022 में भी, भारत ने कम दूरी की श्रेणी में आने वाली अपनी पहली स्वदेश निर्मित एंटी-शिप मिसाइल का परीक्षण किया, जिसका वजन लगभग 380 किलोग्राम था और इसकी मारक क्षमता 55 किलोमीटर थी। इन्हें 'नेवल एंटी-शिप मिसाइल-शॉर्ट रेंज' (NASM-SR) नाम दिया गया है, इन्हें हमलावर हेलीकॉप्टरों से लॉन्च किया जा सकता है।
MRSAM परीक्षण:
बता दें कि, इस साल मार्च में, भारतीय नौसेना ने 'एंटी शिप मिसाइलों' को मार गिराने की क्षमता को प्रमाणित करते हुए INS विशाखापत्तनम से सफलतापूर्वक MRSAM (मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल) फायरिंग की थी। मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और इजरायली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई थी।
लाइवमिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सेना ने फरवरी में एक प्रेस बयान जारी कर कहा था, 'MRSAM हथियार प्रणाली जिसे 'अभ्र' हथियार प्रणाली भी कहा जाता है, एक अत्याधुनिक मध्यम दूरी की वायु रक्षा हथियार प्रणाली है। MSME सहित भारतीय सार्वजनिक और निजी रक्षा उद्योग भागीदारों की सक्रिय भागीदारी के साथ DRDO और इज़राइली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) का संयुक्त उद्यम।"
MRSAM के बारे में:
बता दें कि, MRSAM 70 किलोमीटर की दूरी तक कई लक्ष्यों को भेद सकता है। कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम (CMS), मोबाइल लॉन्चर सिस्टम (MLS), एडवांस्ड लॉन्ग रेंज रडार, मोबाइल पावर सिस्टम (MPS), रडार पावर सिस्टम (RPS), रीलोडर व्हीकल (RV), और फील्ड सर्विस व्हीकल में मिसाइल सिस्टम शामिल है, जो स्वदेशी रूप से विकसित रॉकेट मोटर और नियंत्रण प्रणाली (FSV) द्वारा संचालित है।
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