जगत गुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने श्रीमंदिर रत्न भण्डार की चाबी गायब होने के मामले में बुधवार को अपनी प्रतिक्रिया दी है. महाराज ने कहा है कि रत्नभण्डार की व्यवस्था की समीक्षा होनी चाहिए. महत्वपूर्ण कमरे की चाबी इस तरह गायब होना कोई छोटी बात नहीं है. उन्होनें कहा कि इस मामले में श्रीमंदिर के मुख्य प्रशासक, पुरी के गजपति महाराज और सेवायत को लेकर समीक्षा की जानी चाहिए. श्रीमंदिर के आध्यात्मिक नेतृत्व को श्रीहीन करने का प्रयास चल रहा है. शंकराचार्य ने कहा है कि यह समझ में नहीं आ रहा है की चाबी गुम होने की बात जानने के बाद भी सरकार चुप्पी क्यों नजर आ रही है.
दअरसल श्रीमंदिर रत्न भण्डार की चाबी को रखेगा और संपत्ति की जांच करने के लिए भी विशेष कानून है. वर्ष 1960 जगन्नाथ टेम्पल के नियम में भी यह बात स्पष्ट रूप से लिखी हुई है. इसके साथ ही हर छह माह में इसकी जांच होने की बात भी नियम में हैं. गौर करने वाली बात ये है कि इस नियम के बाद भी श्रीमंदिर प्रशासन द्वारा लापरवाही कि गई है. गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से चाबी गायब होने का मामला अब टूल पकड़ने लगा है.
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