लंदन: ब्रिटेन की पुलिस ने दुबई के शासक शेख मुहम्मद बिन राशिद अल-मकतूम की बेटी शमसा के लापता होने के मामले की दोबारा जांच कराने का फैसला लिया जा चुका है. जंहा हाल ही में लंदन हाई कोर्ट ने अपने एक आदेश में ब्रिटिश शहर कैंब्रिज से सन 2000 में शमसा को अगवा किए जाने की बात सामने आई है. वहीं इस बात को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने कहा था कि शमसा को उसके पिता के लोग जबर्दस्ती दुबई ले गए थे.
दुबई के शासक ने बेटी को कराया था अगवा: मिली जानकारी के अनुसार शेख मुहम्मद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के उप राष्ट्रपति और पीएम भी हैं. उनका अपनी 6वीं पत्नी प्रिंसेस हया के साथ कानूनी विवाद चल रहा है. हया ने दुबई से भागकर ब्रिटेन में शरण ले ली है. वहां पर उन्होंने अपनी सुरक्षा की मांग की है. इसी मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने शेख मुहम्मद के बारे में कहा कि उन्होंने अपनी दो बेटियों- शमसा को कैंब्रिज से और लतीफा को भारत के पास समुद्र से अगवा करवा लिया था. इसलिए प्रिंसेस हया की चिंता वाजिब है. उन्हें प्रशासन सुरक्षा मुहैया कराए.
विदेश मंत्रालय ने हस्तक्षेप कर जांच को रोके जाने का निर्देश दिया: जंहा यह भी कहा जा रहा है कि वर्ष 2000 में शमसा के कैंब्रिज से गायब होने का मामला पुलिस थाने में दर्ज करवाया गया था. लेकिन मामले में ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने हस्तक्षेप कर जांच को रोके जाने का निर्देश दिया. मिली जानकारी के अनुसार ऐसा ब्रिटेन के यूएई के साथ नजदीकी रिश्तों के चलते किया गया. तत्कालीन जांच अधिकारी डेविड बेक अब रिटायर हो चुके हैं. जंहा बीते शनिवार यानी 7 मार्च 2020 को उन्होंने ब्रिटिश मीडिया को बताया कि विशेष तरह की संवेदनशीलता का हवाला देकर शमसा की गुमशुदगी की जांच को रोक देने के लिए उनसे कहा गया था. हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी यह बात सामने आई थी कि शमसा की गुमशुदगी की जांच को रुकवाने में तत्कालीन ब्रिटिश विदेश मंत्री रोबिन कुक की स्पष्ट भूमिका थी. यह जानकारी इसी सप्ताह सार्वजनिक हुई है.
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