नई दिल्ली। खान-पान से लेकर साफ-सफाई तक में सुधार करने के बाद अब रलवे ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने की ओर काम कर रहा है। इसके लिए डीजल से चलने वाली ट्रेनों को पटरी से उतारकर हाइ स्पीड इलेक्ट्रिक ट्रेनों को लाया जा रहा है। इसकी पहल रेलवे ने शुरु भी कर दी है, इलैक्ट्रिक एमईएमयू ट्रेन चलाई जाएंगी।
इससे एक ओर जहां ट्रेनों की रफ्तार 25 किमी प्रति घंटा बढ़ जाएगी, तो वहीं प्रदूषण के स्तर में भी कमी आएगी। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि इलेक्ट्रिक इंजन का इस्तेमाल करने से ईंधन पर होने वाले खर्च में भी कमी आएगी, क्योंकि डीजल की अपेक्षा बिजली सस्ती पड़ती है। यह पहल मिशन रफ्तार के तहत की जा रही है।
इसका जिक्र रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने बजट के दौरान भी किया था। मिशन रफ्तार के तहत अगले पांच सालों में माल गाड़ियों की औसत रफ्तार भी दोगुनी हो जाएगी। इसके अलावा नॉन-सबअर्बन ट्रेनों की रफ्तार 25 किलोमीटर प्रतिघंटा कर दी जाएगी। फिलहाल नॉन-सबअर्बन ट्रेनों की औसत रफ्तार 46.3 किलोमीटर प्रति घंटा जबकि माल गाड़ियों की रफ्तार 24.2 किलोमीटर प्रति घंटा है।