मिजोरम एक पर्वतीय प्रदेश कहा जाता है। फरवरी, 1987 को यह इंडिया का 23वां राज्य बन गया था। 1972 में केंद्रशासित प्रदेश बनने से पूर्व तक यह असम का एक जिला भी रह चुका है। 1891 में ब्रिटिश अधिकार में जाने के उपरांत कुछ सालों तक उत्तर का लुशाई पर्वतीय इलाके असम के और आधा दक्षिणी भाग बंगाल के अधीन था। 1898 में दोनों को मिलाकर एक ज़िला बना बनाने का फैसला किया, जिसका नाम पड़ा-लुशाई हिल्स ज़िला और यह असम के मुख्य आयुक्त के प्रशासन में भी शामिल हो गया। 1972 में पूर्वोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम लागू होने पर मिज़ोरम केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया।
भारत सरकार और मिज़ो नेशनल फ़्रंट के मध्य 1986 में हुए ऐतिहासिक समझौते के फलस्वरूप 20 फ़रवरी 1987 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा भी प्रदान कर दिया गया। पूर्व और दक्षिण में म्यांमार और पश्चिम में बंग्लादेश के मध्य स्थित होने की वजह से भारत के पूर्वोत्तर कोने में मिज़ोरम सामरिक दृष्टि से अत्याधिक महत्वपूर्ण राज्य भी बन गया हैं। मिज़ोरम में प्राकृतिक सौंदर्य बिखरा पड़ा है तथा इस इलाके में प्रकृति की विभिन्न छटाएं भी देखने के लिए मिल रही है। यह क्षेत्र विभिन्न प्रजातियों के प्राणिमयों तथा वनस्पतियों से संपन्न हैं।
बता दें कि मिज़ो’ शब्द की उत्पत्ति के बारे में आज भी कुछ खास जानकारी हाथ नहीं आई है। मिज़ोरम शब्द का स्थानीय मिज़ो भाषा में अर्थ है, पर्वतनिवासीयों की भूमि। 19वीं शताब्दी में यहां ब्रिटिश मिशनरियों का प्रभाव फैल चुका था और इस वक़्त तो अधिकांश मिज़ो लोग ईसाई धर्म को ही पूजते थे। मिज़ो भाषा की अपनी कोई लिपि का निर्माण नहीं किया था। मिशनरियों ने मिज़ो भाषा और औपचारिक शिक्षा के लिए रोमन लिपि को ही ज्यादा मानते थे। मिज़ोरम में शिक्षा की दर में धीरे-धीरे करके तेजी भी देखने के लिए मिलने लगी। वर्तमान में यह 88.8 प्रतिशत है, जोकि पूरे देश में केरल के उपरांत दूसरे स्थान पर है। मिज़ोरम शिक्षा के क्षेत्र में सबसे पहले स्थान पर आने के लिए बहुत कोशिश भी की जा रही है।
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