गुवाहाटी: RTI एक्टिविस्ट और शिवसागर से MLA अखिल गोगोई ने बुधवार को सूबे के मूल निवासियों की "संवैधानिक सुरक्षा" के लिए असम में धारा 370 जैसे प्रावधान को लागू करने की मांग की है। रेजर दल के अध्यक्ष गोगोई ने कहा है कि, 'हमने केंद्र सरकार से राज्य के लोगों को संवैधानिक सुरक्षा देने के लिए असम में धारा 370 या 371 (ए), 371 (एफ) 371 (जे) जैसे प्रावधानों को लागू करने की मांग की है। धारा 370 या 371 (ए) जैसे सुरक्षा उपायों को लागू किए जाने तक पदेश के मूलनिवासी सुरक्षित नहीं होंगे।'
बता दें कि धारा 370 किसी भी प्रदेश को स्वायत्तता और राज्य के स्थायी निवासियों के लिए कानून बनाने की क्षमता के मामले में विशेष अधिकार प्रदान करती है। कुछ वर्ष पूर्व तक जम्मू-कश्मीर को यह विशेष दर्जा हासिल था। वहीं धारा 370 के अलावा, धारा 371 में कई राज्यों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। भारतीय संसद का कोई भी कानून नगालैंड के लोगों के सांस्कृतिक और धार्मिक मामलों में लागू नहीं होता है। नगा लोगों के प्रथागत कानूनों और परंपराओं को लेकर संसद का कानून और सर्वोच्च न्यायालय का कोई आदेश लागू नहीं होगा। इसके साथ ही नागालैंड की जमीन को गैर नागाओं को हस्तांतरित नहीं किया जाएगा।
राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) में शत-प्रतिशत संशोधन का विरोध करते हुए अपनी पार्टी के एकमात्र MLA ने कहा कि इसकी जगह आंशिक संशोधन होना चाहिए। गोगोई ने कहा कि, 'एनआरसी का 100 प्रतिशत संशोधन अलोकतांत्रिक, असंवैधानिक है। NRC केवल भाजपा के लिए एक मुद्दा है। उनके पास असम के मूल निवासियों को सुरक्षा प्रदान करने का कोई एजेंडा नहीं है।'
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