राजस्थान में एक माह से ज्यादा वक्त तक चले राजनीतिक संग्राम के पश्चात अशोक गहलोत और सचिन पायलट दल में कराई गई सुलह के बाद भी विपत्ति जस की तस है. पीसीसी के पूर्व चीफ सचिन पायलट समेत उनके समर्थक बागी एमएलए की पार्टी में वापसी पर रार बरकरार है. बागियों की पार्टी में वापसी पर गहलोत खेमे में विरोध के स्वर उठ रहे हैं. एमएलए के विरोध के स्वर के पश्चात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा बयान जारी किया है.
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बता दे कि गहलोत ने मीडिया से मंत्रणा में बताया कि 'जिस रूप में यह एपिसोड हुआ उन्हें इतने दिन होटलों में रहना पड़ा, ऐसे में उनकी नाराजगी होना स्वाभाविक था.' गहलोत ने कहा, 'मैंने उनको समझाया है कि देश, प्रदेश व प्रदेशवासियों के लिए और लोकतंत्र को बचाने के लिए कई बार हमें सहन भी करना पड़ता है.' इसके साथ ही गहलोत ने उम्मीद जताई कि अब सब मिलकर राज्य के विकास के लिए काम करेंगे. गहलोत ने बताया, 'हम सब आपस में मिलकर कार्य करेंगे, जो हमारे साथी चले गए थे वे भी वापस आ गए हैं. मुझे आशा है कि सब गिले शिकवे दूर करके सब मिलकर राज्य की सेवा करने का संकल्प पूरा करेंगे.'
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विदित हो कि सचिन पायलट की अगुवाई में गहलोत से नाराजगी जताने वाले 19 एमएलए नई दिल्ली में प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से भेट के बाद जयपुर लौट चुके हैं. हालांकि इनकी वापसी से कांग्रेस के गहलोत खेमे कुछ विधायक नाराज बताए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि कांग्रेस विधायक दल की मंगलवार रात्रि जैसलमेर के होटल सूर्यगढ़ में हुई मीटिंग में भी इन एमएलए ने मुख्यमंत्री समेत पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के सामने अपनी नाराजगी व्यक्त की थी.
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